लाल तिलकधारी कछुओं का अवैध व्यापार करने वाले अंतर्राष्ट्रीय तस्करों को 3-3 वर्ष का कठोर कारावास

सागर. लाल तिलकधारी कछुओं का अवैध कारोबार करने वाले दो अंतर्राष्ट्रीय तस्करों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी अभियोजन की ओर से विशेष अभियोजन अधिकारी ब्रजेश दीक्षित ने की। जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी अमित जैन ने बताया कि आरोपी शेखरदास पुत्र विनयदास आयु 38 निवासी वनगांव निवासी पश्चिम बंगाल ने दिनांक 30.07.2019 और सुल्तान पुत्र मोहम्मद जेनुअल आयु 9 साल निवासी इकबालपुर कोलकाता पश्चिम बंगाल ने दिनांक 04.04.2021 को अभिरक्षा में लिए जाने के पूर्व के वर्षों में वन्य प्राणियों की अवैध तस्करी हेतु कार्यरत एक अंतराज्जीय एवं अंर्तराष्ट्रीय गिरोह के रूप में मुख्य रूप से मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों व अन्य देशों में विलुप्तप्राय वन्य प्राणी लाल तिलकधारी कछुआ एवं अन्य प्रजाति के कछुओं केा अवैध रूप से पकडकर अपने कब्जे में रखकर लाल तिलकधारी कछुआ एवं पेंगोलिन के स्कल्स तथा अन्य वन्य प्राणी अव्यव को अवैध रूप से स्वयं के कब्जे में रखा और अंर्तराष्ट्रीय गिरोह के रूप में अवैध व्यापार किया। मामले में वन विभाग ने विवेचना के उपरांत परिवाद पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां विचारण के उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोनों आरोपियों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 49बी एवं 51(1)(क) का दोषी करार देते हुए दोनों आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार के जुर्माने से दंडित किया है।

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