January 4, 2025

संघ प्रमुख मोहन भागवत की छत्तीसगढ़ में मौजूदगी के दौरान दो-दो बजरंगियों की हत्या पर भी मौन, विवशता है या डर?

  • पीड़ित बजरंगी परिवारों के प्रति संवेदनहीनता, भाजपा सरकार का दबाव है या मोहन भागवत की कोई मजबूरी?

रायपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत 27 से 31 दिसंबर 2024 तक 5 दिन के दौरे पर रायपुर में रहे और इसी दौरान नशाखोरी और चाकूबाजी के चलते राजधानी में दो-दो बजरंगियों की हत्या हो गई। संघ को परिवार बताने वाले संघ प्रमुख पीड़ित के परिजनों से मिलना तक जरूरी नहीं समझे। सत्ता सुख में इतने मस्त रहे की संघी बजरंगियों की निर्मम हत्या पर भी ख़ामोशी अख्तियार कर लिया। भाजपा की सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है, सरेआम सड़कों पर अपराधी दौड़ा-दौड़ा कर चाकू मार रहे है, पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। इस सरकार में संघी, भाजपा और बजरंगी तक सुरक्षित नहीं है। दुखद है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत रायपुर में रहते हुए भी पीड़ित बजरंगी परिवार को न्याय दिलाने के लिए एक बयान तक नहीं दे पाए। आखिर पीड़ित बजरंगी परिवारों के प्रति संवेदनहीनता का क्या कारण है, भाजपा सरकार का दबाव है या मोहन भागवत की कोई मजबूरी?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार का फोकस केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में है, जिसके चलते प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं, यही कारण है कि अपराधी बेखौफ है, अपराध सरकार के नियंत्रण से बाहर है, अपराधी इतने बेलगाम हो गए हैं कि आम जनता का जीना दुभर हो गया है। हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार, सरेआम गोलीबारी, गैंगवॉर की घटनाएं आम हो चुकी है। सरकार की नाकामी और पुलिस की लापरवाही का ही परिणाम है कि प्रदेश में आम जनता के साथ ही सत्ताधारी दल और आरएसएस के तमाम आनुषंगिक संगठन के लोग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में लगभग यही हाल है, रोज हत्याएं हो रही है और लगातार हो रही है, साय सरकार में चोरी, लूट, डकैती आम बात हो गया है। सत्ता के संरक्षण में शराब और सुख नशे के व्यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है। पूरे प्रदेश को नशे में डूबाने का षड्यंत्र रचा गया है। 5 दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रदेश के इस सबसे महत्वपूर्ण समस्या पर मौन रहे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि संघ को भाजपा बैकबोन होने का दावा करने वाले संघियों को बताना चाहिए कि कानून व्यवस्था के मामले में पूरी तरह से लाचार साय सरकार की जवाबदेही तय करने का साहस संघ प्रमुख मोहन भागवत क्यों नहीं दिखा पाए? आखिर क्या मजबूरी है कि संघ प्रमुख के 5-5 दिन के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान नशाखोरी और बढ़ते अपराध पर मौन रहे?

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