धान खरीदी शुरू हुए 6 दिन हो गये, सरकार अभी तक व्यवस्था नहीं बना पाई
- सोसायटियों में किसान भटक रहे किसी का पंजीयन, तो किसी का टोकन की परेशानी
- अनेकों सोसायटी में 21 क्विंटल नहीं, गिरदावरी, अनावरी रिपोर्ट के आधार पर खरीदी की जा रही
रायपुर. धान खरीदी को शुरू हुए 6 दिन हो गये लेकिन सरकार अभी तक खरीदी की व्यवस्था नहीं बना पाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सोसायटी में फैली अव्यवस्था के कारण किसान पंजीयन के लिए भटक रहे है, लोगों का टोकन नहीं कट रहा है। किसान रोज सोसायटी जाकर घूम कर वापस आ जा रहे है। सोसायटी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण दूसरे विभाग के जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी थी उनको धान खरीदी का अनुभव नहीं था इसलिए भी किसानों को परेशानी हो रही थी। हड़ताल से वापस आने के बाद सोसायटी कर्मचारी अभी पूरी तरह से खरीदी व्यवस्था से नहीं जुड़ पाये है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एग्रीस्टेक पोर्टल में 2023 के बाद खातो में परिवर्तन एवं बंटवारा, फौती का डाटा नहीं डाला गया है जिसके कारण भी बहुत से किसानों का आज तक पंजीयन नहीं हुआ। इसके साथ ही समिति के कम्प्यूटर में एग्रीस्टेक पोर्टल का पूरा डाटा नहीं चढ़ा है। पोर्टल और सोसायटी के डाटा में मिलान नहीं हो पा रहा है। किसान जब टोकन कटाने जा रहा तब उसे बताया जा रहा कि आपका पूरा डाटा नहीं, उनको टोकन नहीं मिला रहा है। जब एग्रीस्टेक पोर्टल में सोसायटी के कम्प्यूटर में डाटा अपडेट होना था तब सोसायटी के कम्प्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर थे, इस कारण किसान परेशान हो रहे है। सरकार धान खरीदी की व्यवस्था को प्राथमिकता से सुधार करे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार की घोषणा है कि धान की खरीदी 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब में होना है लेकिन प्रदेश के अनेकों सोसायटियों में आदेश गिरदावरी और अनावरी के हिसाब से खरीदी के निर्देश दिये गये है। जिसके कारण उन सोसायटियों में 15 से 19 क्विंटल प्रति एकड़ से खरीदी की टोकन काटे जा रहे है। सरकार अपनी घोषणा से मुकर रही है तथा उसकी नीयत किसानों से पूरा 21 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदने की नहीं है। सरकार धान खरीदी के पहले हफ्ते से ही व्यवधान पैदा करना शुरू कर दी है। इससे साफ हो रहा कि सरकार की नीयत पूरा धान खरीदने की नहीं है।


