जानलेवा कोरोना वायरस ने एक बार फिर अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए अब केंद्र सरकार ने युवाओं को भी वैक्सीन लगाने के आदेश दे दिए हैं। 1 मई से अब 18 साल से ऊपर सभी लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इसी बीच कुछ लोग कोविड की रोकथाम के लिए देसी नुस्खे भी अपना रहे हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि हर घरेलू नुस्खा आपकी सेहत के लिए कारगर हो, कभी-कभी कुछ देसी तरीके नुकसानयादक भी हो सकते हैं।
दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वाट्सअप, फेसबुक और ट्विटर पर एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है जिसमें जानकारी दी जा रही है कि कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल को सूंघने से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जाए। बहरहाल, यहां हम आपको इस पोस्ट में बताई जा रही तीनों चीजों के साइड इफेक्ट बता रहे हैं।
पोटली को सूंघने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने का दावा

ये पोस्ट आम लोगों से लेकर देश के दिग्गज नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी शेयर की है। उन्होंने फेसबुक पर इसे ‘सेहत की पोटली’ का कैप्शन दिया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण बनाकर इसमें कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल को मिलाकर इस तरह की पोटली बना लें और अपने दिनभर के कामकाज के दौरान बीच-बीच में सूंघते रहें…यह ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने में मदद करता है।
इस तरह की पोटली लद्दाख में पर्यटकों को दी जाती है जब ऑक्सीजन लेवल कम होता है..!’ मालूम हो कि हाल के दिनों में देश के कई बड़े हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही है। इसी बीच इंटरनेट पर एक पोस्ट में अजवाइन और कपूर की पोटली खूब शेयर की जा रही है।’ लेकिन क्या बाकई ये सही तरीका है ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने का? इस बारे में शोध भी हुए हैं जिनके बारे में नीचे जिक्र किया गया है।
(फोटो साभार: Twitter)
कपूर (camphor) पर क्या कहता विज्ञान

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अजवाइन, लौंग, कपूर और नीलगिरी के बूंदों वाली पोटली को लेकर साइंस का कहना है कि इन चीजों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। कपूर एक ज्वलनशील सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है जिसमें तेस सुगंध होती है। दर्द और खुजली (Pain and itching) को कम करने के लिए इसे कभी-कभी त्वचा पर रगड़ा जाता है।
इसका प्रयोग एक छोटी मात्रा (4-5%) में विक्स वेपोरब जैसे Decongestant जैल में भी किया जाता है लेकिन बंद नाक खोलने में (Nasal congestion) कपूर फायदेमंद है ऐसी कोई स्टडी मौजूद नहीं है। कुछ पुराने स्टडी में पाया गया है कि ऐसा कोई दावा नहीं मिलता जिसमें ये कहा गया हो कि कपूर की सुगंध के जरिए बंद नाक खुलने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है।
शोध में खुलासा, शरीर में जहर घोल सकता है कपूर

गैर-औषधीय कपूर बच्चों के लिए खासकर नुकसानदायक है, जो उनमें एक मिनट के अंदर गंभीर विषाक्त पदार्थ पैदा कर सकता है। साल 2018 में आई अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पॉइजन कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, USA में कपूर के जहर के लगभग 9,500 मामले थे, जिनमें से 10 लोगों की जान खतरे में थी और कुछ लोग इसके चलते दिव्यांग भी हुए। एफडीए भी कपूर की खुराक के खिलाफ सलाह देता है क्योंकि इससे शरीर में विषाक्तता (toxicity) पैदा हो सकती है और इंसान को गंभीर दौरे भी पड़ सकते हैं।
लौंग से भी नहीं बढ़ता ऑक्सीजन लेवल

लौंग (lavang) को लेकर यह दावा इटली के एकल साहित्य (single literature) की समीक्षा पर आधारित है, जो Clove के एंटी-सार्स-सीओवी -2 (anti-SARS-CoV-2) इफेक्ट की पॉसिबिलिटी को परिकल्पित यानी हाइपोथाइस (Hypothesizes) करता है। यह रिव्यू हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (herpes simplex virus) पर बेस्ड है लेकिन SARS-CoV-2 से रिलेटिड नहीं है।
इस दावे में बताया गया है कि लौंग, दालचीनी, जायफल और तुलसी में यौगिक यूजेनॉल मौजूद है जो टॉक्सिसिटी का कारण है। शोध में इस बात के सबूत नहीं है कि लौंग से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है।
अजवाइन पर भी नहीं कोई ऐसा शोध
लौंग और कपूर की तरह कैरम बीज यानी अजवाइन और नीलगिरी के तेल दोनों पदार्थों के लिए को लेकर कोई ऐसा शोध नहीं जिसमें ये कहा गया हो कि इनके सूंघने से ऑक्सीजन लेवल में सुधार होचा है।