साइबर सुरक्षा की क्रियाविधि को जानना जरूरी : प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन के तत्वावधान में शिक्षा विद्यापीठ द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयेाजित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा सशक्तिकरण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने कहा है कि प्रौद्योगिकी के कारण अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों में साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता लाने और प्रौद्योगिकी को डिकोड करने की जरूरत है। साइबर सुरक्षा के समुचे तंत्र और इसकी क्रियाविधि को जानना समय की आवश्यकता है।
मंगलवार 26 अक्टूबर को आयोजित कार्यशाला में बैंकॉक के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ श्री राहुल कुमार, सोशल साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ श्री अपर्णेश शुक्ल, दिल्ली ने भी संबोधित किया। प्रतिकुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि इंटरनेट की व्याप्ति काफी बढ़ गयी है। इसका नियत्रंण अपने हाथों मे नहीं रहा है। इसका प्रयोग एक बाध्यता बन गयी है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा की जानकारी के लिए निरंतर चर्चाएं और कार्यशालाओं से लोगों को परिचित किया जाना चाहिए। इससे हम प्रौद्योगिकी के खतरों से बचने के तौर-तरीकों से परिचित हो सकेंगे।
अपर्णेश शुक्ल ने कहा कि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बन गया है। हम स्मार्ट फोन और इंटरनेट का प्रयोग तो करते है परंतु इसका सही तरीके से प्रयोग करना बहुतों को पता नहीं होता। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सस्ता होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में भी इसका चलन बढ़ गया है। उन्होंने सोशल मीडिया और साइबर हमले के बचाव के रास्ते पर भी विस्तार से चर्चा की। राहुल कुमार ने साइबर सुरक्षा को लेकर जनमानस में जागरूकता लाने पर बल दिया।
कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल कृष्ण ठाकुर ने दिया। संचालन शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप पाटिल ने किया तथा आभार शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार ने व्यक्त किया। सहायक प्रोफेसर डॉ. सीमा बर्गट ने परिचय वक्तव्य दिया। उद्घाटन के बाद ‘साइबर अपराध : आरंभ से वर्तमान तक’, ‘साइबर आक्रमण एवं सुरक्षा उपाय’, ‘सोशल मीडिया का उपयोग एवं दुरुपयोग’ तथा ‘साइबर सुरक्षा एवं कानूनी सहायता’ विषय पर आयोजित तकनीकी सत्रों में साइबर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।