स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए आवश्यक समुदाय के प्रति सम्मानजनक नजरिया बनाये रखना आवश्यक है : हुलेश्वर जोशी
सर्वप्रथम मैं हुलेश्वर जोशी समस्त भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। जैसा कि आपको ज्ञात है, कि आज 15 अगस्त 2021 को हम भारतीय नागरिक 75वीं स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। संभव है आपने उन लाखों वीर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी नहीं भूला होगा जिन्होनें आपकी आजादी के लिये अपने प्राणों की आहूति दे दी। आपको पता होनी चाहिये कि आपको स्वतंत्र कराने के लिए लाखो महापुरूषों ने दर्जनों बार जेलों और कालापानी में यातनाएँ भी सहा है। हमें स्मरण होनी चाहिये कि ये आजादी इतनी आसान नहीं हैं बल्कि लाखों शहादतों की परिणाम है। हमारी संवैधानिक ढ़ाचे इतने बेहतरीन तरीके से तैयार किये गये हैं कि हम अपनी स्वतंत्रता को हमेशा बरकरार रख सकते हैं। हमारे आजादी पर कोई आँच नहीं आ सकती है।
आप जिन मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों सहित सैंकड़ो अधिकारों का लुफ्त उठा रहे हैं इसमें हमारे तीनों सेनाओं के सैनिकों, केन्द्रीय और राज्य सशस्त्र बल तथा सिविल पुलिस सहित अन्य समस्त सुरक्षा एजेंसियों के जवानों की बलिदान, प्राणों की समर्पण तक संकल्पि तत्परतापूर्ण कठोर ड्यूटी भी शामिल है। आपकी स्वतंत्रता को बनाये रखने के साथ ही आपकी सम्पुर्ण सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए ये जवान निरंतर मुरूतैद हैं। सायद मेरे जैसे ही आपको भी दुःख होता होगा जब आप देखते होंगे कि कुछ असमाजिक तत्व कतिपय कारणों से हमारे जवानों के योगदान को भूलकर अहसानफरामोशी करते हुए इन्हें अपमानित करने का कारण खोजते हैं। काल्पनिक, झूठे और आधारहीन आरोप के द्वारा अपराधी प्रमाणित कर जाते हैं। कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग जवानों के साथ अभद्रता और बत्तमीजी करने में अपनी शान समझने की भूल करते हैं। अतः आपसे अनुरोध है, कि आईये आज संकल्प लें कि हम अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, वीर शहीदों और जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धा और सम्मान की भावना का विकास करेंगे।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमारे लिये ये संकल्प लेना आवश्यक है कि ‘‘हम अपनी आजादी को बनाये रखेंगे। हम स्वतंत्रता को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सेना के जवानों, पुलिस-प्रशासन और न्यायालयों को इम्पाॅवर करने के लिये तत्पर रहेंगे।’’ ख्याल रखियेगा, संवैधानिक और लोकतांत्रिक ढ़ाचे को किसी भी स्थिति में कमजोर करने का प्रयास करना न सिर्फ हमारे अपने लिये वरन् आने वाली पीढ़ी के लिये भी आत्मघाती होने वाली है।