पत्रकारवार्ता : भ्रष्टाचार अपरंपार, छोटे उद्योग-धंधों पर मार, बेरोजगारी भरमार
पिछले 1 साल में 14 करोड़ रोजगार खत्म हो चुके हैं। दुकानदार, छोटा उद्योग, एमएसएमई – सबका धंधा चौपट है। अब सनसनीखेज खुलासे में यह साफ हो गया है कि करोड़ों दुकानदारों, छोटे उद्योगों, युवाओं की नौकरियाँ खत्म होने का असली कारण क्या है?
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने पिछले दो साल में भारत में कानूनी फीस के नाम पर 8,546 करोड़ का भुगतान किया गया। देश के कानून मंत्रालय का सालाना बजट तो 1100 करोड़ है और अमेज़नकंपनी का कानूनी फीस का 2 साल का बजट ही 8,546 करोड़ है। अब सामने आ गया है कि यह पैसा तथाकथित तौर से रिश्वत के तौर पर दिया गया। यह बात अमेज़न कंपनी ने भी स्वीकारी है।
सवाल सीधे हैंः-
1. अमेजन द्वारा 8,546 करोड़ रू. की रिश्वत भारत सरकार में किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली?
2. क्या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून व नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनी का व्यवसाय चल सके?
3. अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर 8,546 करोड़ का भुगतान किया। इन कंपनियों का परस्पर रिश्ता क्या है व किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक ताल्लुकात हैं तथा यह पैसा निकालकर किसको व किस प्रकार से भुगतान किया गया?
4. अमेरिका व भारत दोनों देशों में लॉबिंग व रिश्वत का पैसा देना अपराध है तथा गैर कानूनी है। तो फिर मोदी सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी रकम रिश्वत में कैसे और किसे दी गई?
5. क्या विदेशी कंपनी द्वारा 8,546 रूपये करोड़ की तथाकथित रिश्वत की दी गई रकम अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ व समझौता नहीं?
6. प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं? क्या उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति से अमेजन कंपनी के खिलाफ कथित रिश्वत घोटाले में आपराधिक जांच की मांग करेंगे?
7. क्या देश में इस कथित रिश्वत घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से नहीं करवाई जानी
चाहिए?
देश जवाब मांगता है।