वेतन विसंगति दूर करने तथा सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने की कामना के साथ न्यायिक कर्मचारियों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ के बैनर तले आज “उत्तर प्रदेश न्यायिक कर्मचारी संघ” द्वारा वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में आयोजित प्रार्थना सभा के समर्थन में तथा छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ के वेतन विसंगति संबंधी लंबित मांगों को लेकर प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर आज दिनांक-07 जुलाई 2024 को गांधी स्टेडियम अंबिकापुर में जिला स्तरीय प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें भारत भर के सभी राज्यों के न्यायिक कर्मचारियों को दिए जा रहे असमान वेतनमान के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी से प्रार्थना की गई कि वह राज्य शासन को सद्बुद्धि दे और छत्तीसगढ़ के न्यायिक कर्मचारियों को भारत के विभिन्न राज्यों जहां उच्च स्तरीय वेतनमान दिया जा रहा है, कि भांति वेतनमान प्रदान की जाये और असमानता को दूर करें। न्यायिक कर्मचारी संघ के इस मांग पर छत्तीसगढ़ अधिकारी/कर्मचारी फेडरेशन सरगुजा के जिला संयोजक श्री कमलेश सोनी के साथ सभी घटक दलों के प्रमुख पदाधिकारी जिनमें सी.एम. मिश्रा, अनिल तिवारी, प्रामोद सिंह, अजीत सिंह, श्रीकांत चौबे, एस.एल.मालवीय, रवि सिंह, हरिशंकर सिंह, धनेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा न्यायिक कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में आयोजित प्रार्थना सभा में पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया। साथ ही आज के इस प्रार्थना सभा में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री हेमंत तिवारी जी भी उपस्थित होकर अपनी सहभागिता प्रदान किये। आज के प्रार्थना सभा का आयोजन छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ अंबिकापुर के जिला अध्यक्ष राकेश सोनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। आज आज के प्रार्थना सभा में जिला न्यायालय अंबिकापुर के प्रशासनिक अधिकारी राजेश केला जी एवं लेखापाल सत्येंद्र गुप्ता तथा अन्य कर्मचारियों में शत्रुघ्न जायसवाल, अशोक प्रजापति, संजय गुप्ता, एखलाक अली, संजय जनबन्धु, मयंक शर्मा, संजय खलखो, सर्वेश, रामा शंकर, सुनील लकड़ा, ब्रह्मानंद, शारदा, कृष्णा, कैलाश, हरि प्रसाद, प्रीतम, सुनील कुशवाहा, अनुज, उपाध्यक्ष साहू, भानु प्रकाश, राजेश यादव, जीवन तथा महिला कर्मचारियों में सीमा श्रीवास्तव संगीता सिंह रेनू सिंह मेरी ग्रेस उषापति, दीपा अम्बष्ठ, सोनामती, अनिमा, सुशीला बेक आदि अन्य न्यायिक कर्मचारीगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।