कबीरदास की लेखनी आज भी समाज को सही दिशा देने का काम कर रही है : कौशिक

बिलासपुर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने समाज सुधारक, महान संत कबीरदास की जयंती के अवसर पर नगर पंचायत बिल्हा, एवं ग्राम मोहभटटा मंदिर प्रांगण में आयोजित जयंती समारोह में शामिल हुए इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की महान संत परंपरा के अद्वितीय प्रतीक, विलक्षण विचारक एवं प्रतिबद्ध समाज सुधारक, लोक-धर्मी रचनाकार कबीरदास जी की लेखनी आज भी समाज को सही दिशा देने का काम कर रही है। इनके दोहे के माध्यम से व्यक्ति जीने की नई राह पा सकता है। सत्य एवं अहिंसा का संदेश देने वाले 15वीं सदी के महान कवि संत कबीर दास जी ने अपने दोहों से हर किसी को अपना बना लिया। भारतीय संत परम्परा के अद्वितीय हस्ताक्षर कबीरदास जी ने अपने दोहों व रचनाओं से सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जनजागरण कर समाज को नई दिशा देने का काम किया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने “जाति ना पूछो साधु की,पूछ लीजिए ज्ञान”, “मोल करो तलवार का पड़ा रहने दो म्यान” का भावार्थ बताते हुए कहा कि कबीर कहते हैं कि किसी साधु से उसकी जाति पूछकर उसका मूल्यांकन करना साधुता का अपमान है। साधु की श्रेष्ठता और उसका सम्मान उसके ज्ञान के आधार पर किया जाना चाहिए। श्री कौशिक ने कबीर के लिखे अन्य दोहे का भावार्थ बताया। इस मौके पर सामाज के  सदस्यगण, कार्यकर्ता एवं क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में  उपस्थित हुए।

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