मारपीट करने वाले आरोपीगण को आजीवन कारावास
सागर. न्यायालय डी.पी. सिंह सिवाच अपर सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने सभी आरोपीगण नोनेलाल पिता तरवर गौंड़ उम्र 52 वर्ष, भगवान दास पिता तरवर गौंड़ उम्र 42 वर्ष, दलसिंह पिता नौनेलाल गौंड़ उम्र 26 वर्ष, डेलनसिंह पिता नौनेलाल उम्र 20 वर्ष, कल्याण पिता नौनेलाल उम्र 22 वर्ष, श्यामरानी पत्नी नौनेलाल गौंड़ उम्र 48 वर्ष सभी निवासी बेडार थाना-केसली, जिला सागर को धारा 302/149 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 326/149 भादसं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए का अर्थदण्ड एवं 323/149 भादवि में 03 माह का सश्रम कारावास एवं धारा 148 भादवि में 03 माह का सश्रम कारावास से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिलाअभियोजन अधिकारीलक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया द्वारा दिनांक 19.10.2017 को थाना केसली में इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि 19.10.2017 को सुबह करीब 9 बजे फरियादिया अपनी मां, भाभी, बहन, और भाई के साथ खारी वाले खेत में बखरनी कर रही थी, तभी नौनेलाल कतरना लेकर, भगवानदास लाठी लेकर, दलसिंह कुल्हाड़ी लेकर, कल्याणसिंह और डेलन लोहे की राड लेकर एवं श्यामरानी हंसिया लेकर खेत पर आए और बोले की बखरनी मत करो यह हमारा खेत है। तब भाई ने कहा कि यह हमारा खेत है बखरनी करेंगे इसी बात पर से सभी अभियुक्तगण ने फरियादिया के साथ-साथ मां, भाभी, बहन, और भाई की लाठी-डंडे , रोड़ और हसियां से मारपीट की जिसमें सभी गंभीर रूप से घायल हुए। 100 डाॅयल की मदद से सभी घायलों को केसली अस्पताल लाया गया। उक्त घटना के संबंध में प्रकरण को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर सभी आरोपीगण नोनेलाल, भगवान दास, दलसिंह, डेलनसिंह, कल्याण, श्यामरानी को धारा 302/149 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 326/149 भादसं. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए का अर्थदण्ड एवं 323/149 भादवि में 03 माह का सश्रम कारावास एवं धारा 148 भादवि में 03 माह का सश्रम कारावास से दण्डित करने का आदेश दिया गया।