लॉक डाउन : फुल गोडाउन

लॉक डाउन के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं। हमारे लिए लॉक डाउन का मतलब घर पर रहना,बाहर ताक-झांक न करना है।
व्यापारियों के लिए लॉक डाउन का मतलब गोडाउन फुल यानी कमाई फुल है।ऐसा भी कह सकते हैं कि उधर हवा फुल, इधर हवा टाइट।
कोरोना की कृपा से हमें लॉक डाउन का इतना अधिक अनुभव हो चुका है कि पीएचडी आराम से हो सकता है।ये अनुभव जितने कीमती हैं उतने ही हम फुक्कड़ हैं।पिछले साल से हम जब-तब लॉक डाउन हो रहे हैं।इस वज़ह से हमारी गैसिंग पावरफुल हुई है जिसका फायदा घर चलाने में मिल रहा है।
लॉक डाउन पूर्व लॉक डाउन का अंदाज हो जाने पर हम हर वो जरूरी जिंस घर के लिए एकत्र कर लेते हैं जिसके दाम बढ़ने वाले होते हैं।महंगाई को इसीलिए हम अंगूठा दिखा पाते हैं।हरी सब्जियां तो इकट्ठे ले नहीं सकते अतः सोया बड़ी,राजमा,छोले चना,बेसन अचार आदि लेकर लॉक डाउन के लिए सुरक्षित कर लेते हैं और वक़्त जरूरत पर उनसे काम चलाते हैं। वो लोग बेवकूफ़ होते हैं जो सामान नहीं ले पाते तथा लॉक डाउन के बाद अधिक कीमत देकर खरीदते हैं।व्यापार तो मौका देखकर चलता है।व्यापार का सिर्फ एक धरम,एक ईमान होता है-फायदा।व्यापारी अवसर की तलाश में रहता है।जहां उसे मौका मिला वहीं आदमी की जेब वह खाली किया।लॉक डाउन बड़ा सुनहरा मौका होता है। धंधेबाज इसकी राह ताका करते हैं।
पुलिस वालों के लिए लॉक डाउन का मतलब है शहर गस्त।चौक-चौराहों में जो मटरगस्ती करने वाले पाए जाते हैं उनका पुलिसवाले पिछवाड़ा सेंक देते हैं।इससे वे घर पर रहना सीख जाते हैं मटरगस्ती भूल जाते हैं। शासकीय और अशासकीय कर्मचारियों के लिए लॉक डाउन का तात्पर्य यह होता है कि छुट्टी मनाओ।प्राइवेट वाले घाटे में रहते हैं क्योंकि उन्हें वेतन नहीं मिलता जबकि शासन वाले हर माह पूरा-पूरा वेतन बैंक से उसी तरह  उठाते हैं जैसे सड़क में पड़ा पैसा लोग चुपचाप दबा लेते हैं।वैसे शासन वाले ऑफिस खुले रहने पर भी छुट्टी का आनन्द लेते है।फर्क सिर्फ इतना पड़ता है कि घर में न बैठकर ऑफिस की कुर्सी तोड़ते रहो।
विद्यार्थियों के लिए लॉक डाउन का अर्थ है कि घर के कमरे को स्कूल-कक्ष बना लो।ऑन लाइन पढ़ो।परीक्षा देने की जरूरत नहीं है जनरल प्रमोशन पाओ।कॉपी-किताबों का बिजनेस तो पहले की तरह चल रहा है।यहां तक की समझदार और नामदार स्कूल ड्रेस ,टाई-बेल्ट बेच लेते हैं।इसके लिए यह आदेश निकालना पड़ता है कि बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई फुल गणवेश में करेगा।अब गणवेश की स्कूल सप्लाई है तो वहीं से लेना पड़ेगा न। टीचरों को भी अपने घर के एक कमरे को शाला रूम में बदल कर पढ़ाना पड़ता है। मजदूरों और रोज कमाने-खाने वालों के लिए लॉक डाउन का मतलब है काम न मिलना यानी चूल्हे एवं पेट पर ताला मारना।लॉक डाउन दिवस की मजदूरी सरकार तो देती नहीं चूल्हा जले तो कैसे?कर्ज़ भी मिलना ऐसे मौके पर संभव नहीं है।
डॉक्टरों के लिए लॉक डाउन का मतलब है कि साधारण सर्दी-खांसी,मौसमी बुखार का फीस भी कोरोना पॉजिटिव के फीस के तुल्य कमाना।नए नर्सिंग होम का निर्माण,पुराने का बैड बढ़ाना, वायरस का जमकर प्रचार करना उनका पुनीत कर्तव्य है।मास्क और सेनेटाइजर का भी धंधा काफी फल-फूल रहा है।
राजनेता यदि विपक्ष के हैं तो उन्हें सत्तापक्ष की जमकर आलोचना करना होगा।यदि सत्तापक्ष से जुड़े हों तो बचाव करना आना चाहिए।सीमाएं सील कर देना चाहिए।समय-समय पर आंसू भी बहाते रहें जिसका आम जनता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।गरीबों को ऊंट के मुंह में जीरा की तर्ज पर अनाज वितरण करना,मध्यम वर्ग को पेरना और उच्च तबके से छीनना आना चाहिए।सबसे बड़ी बात मीडिया को मैनेज करने यदि सत्ताधारी नहीं जानता तो उसे कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।मीडिया वालों को भी सत्ता के आसपास जाल बिछाकर रखना चाहिए क्योंकि एड तो वहीं से निकलेगा।
कवियों के लिए लॉक डाउन का अर्थ एक वृहत महा काव्य संग्रह होता है।लेखकों के लिए लेख,कथाकारों के लिए उपन्यास,नाटककारों के लिए नाट्यशास्त्र भी बन चुका है लॉक डाउन।अन्य वर्गों के लिए भी लॉक डाउन के खास मायने होंगे।ज्यों ही हमें ज्ञात होगा,आप सबसे उसे जरूर शेयर करेंगे।

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