September 28, 2024

Longer Life : खुल गया जापानियों की लंबी उम्र का राज, इस तरह बैठने पर सालों साल जीते हैं ये लोग

Seiza sitting benefits: अगर आप मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं और बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाना चाहते हैं तो जापानी पोस्चर को आजमा सकते हैं। इस मुद्रा में बैठने से आपको कई स्वस्थ्य मिलेंगे।

Seiza sitting benefits: जब आप किसी जापानी मूल के व्यक्ति से मिलते हैं, तो उनमें सबसे पहली बात आप ये नोटिस करते हैं कि वे कितने शालीन और विनम्र हैं। वहां के लोग फिजिकली तौर पर तो सुंदर दिखते ही हैं, इसके साथ ही वे डेली रुटीन में भी शिष्टाचार का पालन करने वाले होते हैं या कहें वे अनुशासनप्रिय हैं। सीज़ा एक जापानी पारंपरिक फर्श पर बैठने की शैली है, जिसमें दोनों पैरों को लगभग 180 डिग्री के कोण पर मोड़कर बैठा जाता है। यहां आप दूसरे देशों से आए खास मेहमानों को भी इस आसन में बैठकर भोजन परोसा जाता है। आज हम आपको इस पोज में बैठने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

​मेडिटेशन की शानदार मुद्रा है seiza
हालांकि, seiza पोज में बैठना हम लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल, असहज और दर्दनाक हो सकता है, लेकिन इसके कई फायदे हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसा हम आापको पहले ही बता चुके हैं कि ये मेडिटेशन करने के लिए एक शानदार पॉस्चर है। माना जाता है कि क्लासिक जापानी कल्चर में इस मुद्रा अभ्यास के जरिए मन शांत रहता है और हमारी फोकस करने की शक्ति का विकास होता है।

​जापान की संस्कृति का अहम हिस्सा है seiza आसन

प्राचीन जापानी मानकों के आधार पर सीज़ा मुद्रा में बैठने का एक औपचारिक यानी फॉर्मल तरीका है। जापानी भाषा में सीजा का अनुवाद ‘सही मुद्रा के साथ बैठना’ के रूप में किया जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि प्राचीन जापान में लोगों को इस पोज की प्रैक्टिस किए बगैर औपचारिक समारोहों (चाय समारोह और पारंपरिक जापानी प्रदर्शन) में हिस्सा लेने की अनूभति नहीं है।यह पोज जापानी संस्कृति के दो मूल्यों ‘शिष्टाचार और क्षमा’ का प्रतिनिधित्व करता है। जापानी मानते हैं कि उन विशिष्ट मूल्यों को प्रसारित करने के लिए सीजा पोज में बैठना जरूरी है।

​Seiza के स्वस्थ्य लाभ
  • इस पोज के जरिए घुटने और टखने के जोड़ों को खुलने में मदद मिलती है और इन अंगों में फ्लेक्सिबिलिटी आती है। इसमें घुटने को मोड़ना शामिल है और टखने के लचीलेपन का उपयोग किया जाता है।
  • यह आपकी मांसपेशियों (core muscles) को ट्रेंड करता है। इस तरह बैठने के हमारे कोल मसल्स में लचीलापन आता है जिससे आप दूसरे पोस्चर को भी आसानी से कर सकते हैं।
  • इस पोज को करने से शरीर में झुकाव नहीं आता और इससे हमें अपने आसन को सुधारने में मदद मिलती है। ऐसे में जो व्यक्ति खराब मुद्रा से जूझते हैं, वे यह देखते हुए कि यह कितना वैज्ञानिक है, इस पोस्चर में बैठने की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
  • इस पोज में बैठने से आपको पीठ दर्द से राहत मिलती है और रीढ़ को आराम मिलता है। चूंकि यह पेट और पीठ की मांसपेशियों को जोड़ता है, इसलिए सीजा में बैठने से मसल्स का दर्द कम होता है।
  • इस तरह से बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार रहता है।
​इस बात का रखें खास ध्यानइस आसन में बैठने के लिए आपके ग्लूट्स में लचीलापन होना चाहिए। लेकिन अगर आपके टखनों (Ankles) में स्पीड की रेंज नहीं है, तो आपके पैर और घुटनों में हमेशा दर्द का अहसास होगा। इसलिए शुरुआत में आपको इसका धीरे-धीरे अभ्यास करना चाहिए। इसी तरह से आपकी मांसपेशियों में लचीलेपन आएगा। सीजा का प्रयास करने से पहले आपको डॉक्टर्स से सलाह लेनी चाहिए।

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