Mahatma Gandhi के कटोरी-चम्मच की London में होगी नीलामी, दो करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है कीमत
लंदन. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से जुड़ी कुछ वस्तुओं की नीलामी अगले साल ब्रिटेन (UK) में होने वाली है. जिन वस्तुओं को नीलामी में रखा जाएगा उनमें बापू द्वारा इस्तेमाल की गई एक छोटी कटोरी, लकड़ी के दो चम्मच और लकड़ी का फोर्क शामिल है. ब्रिटेन के ब्रिस्टल में 10 जनवरी को इन्हें नीलाम किया जाएगा. शुरुआती कीमत 55 हजार ब्रिटिश पाउंड रखी गई है. भारत के लिहाज से देखें तो नीलामी कमीशन, जीएसटी, इंश्योरेंस, किराया और कस्टम ड्यूटी सहित इनकी कीमत 1.2 करोड़ रुपये हो सकती है. हालांकि, नीलामी के इससे कहीं अधिक राशि तक पहुंचने की संभावना है.
2 से 3 गुना बढ़ सकती है कीमत
अनुमान है कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से जुड़ी इन वस्तुओं की कीमत 80 हजार ब्रिटिश पाउंड तक लग सकती है यानी भारत में इनकी कीमत 2 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच सकती है. ध्यान देनी वाली बात ये है कि नीलामी में बोलियां अनिश्चित होती हैं और कई बार कीमतें अनुमान से 2 या तीन गुना अधिक हो जाती हैं. खासकर, ग्लोबल ऑनलाइन नीलामी के मामले में यह बात और भी सच साबित होती है.
बेहद खास हैं कटोरी-चम्मच
वैसे तो बापू के खत, तस्वीरें, पेंटिंग, किताबें, सैंडल, चश्मे और दूसरी वस्तुओं के कलेक्शन को लेकर दुनियाभर में जबरदस्त क्रेज रहता है, लेकिन महात्मा गांधी द्वारा व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल की गईं वस्तुओं की नीलामी दुर्लभ है. कटोरी, चम्मचों का यह सेट बेहद उत्कृष्ट है. ये फिलहाल महात्मा गांधी के एक प्रसिद्ध अनुयायी सुमति मोरारजी के संग्रह में है.
Gandhi ने यहां किया था इस्तेमाल
ईस्ट ब्रिस्टल के नीलामीकर्ता की ओर से कहा गया है कि इस सेट का इस्तेमाल गांधी ने पुणे के आगा खान पैलेस (1942-1944) में और मुंबई के पाम बन हाउस में किया था. कटोरी साधारण धातु की बनी है और उसके बेस में 208/42 मुद्रित है. कटलरी में एक लकड़ी का कांटा और दो नक्काशीदार लकड़ी के चम्मच भी हैं, जो पारंपरिक और सरल हैं.
किताब में किया है जिक्र
नीलामी होने वालीं सभी वस्तुएं महात्मा गांधी द्वारा इस्तेमाल की जाती थीं. ये सुमति मोरारजी (Sumati Morarjee) के संग्रह में हैं, जो लंबे समय तक गांधी के दोस्त और अनुयायी रहे और उन्होंने गांधी जी का कई मौकों पर ध्यान रखा. इन वस्तुओं का जिक्र उन्होंने अपनी किताब में किया है. नीलामीकर्ता की ओर से कहा गया है कि ये न केवल महात्मा गांधी बल्कि भारतीय इतिहास से संबंधित ऐतिहासिक कलाकृतियां हैं.