जनसमस्या निवारण शिविरों में मिल रहे आवेदनों को निराकृत करने बनाएं प्रभावी व्यवस्था – अरुण साव
जन अपेक्षाओं के अनुरूप करें काम, समस्याओं के निदान के लिए व्यापक हित में बनाएं योजना
उप मुख्यमंत्री ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा की समीक्षा की, दिए आवश्यक निर्देश
आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शिविरों में सकारात्मक परिणाम के लिए दी बधाई
जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के पहले तीन दिनों में ही मिले 19598 आवेदन, 40 प्रतिशत आवेदन मौके पर ही निराकृत
बिलासपुर. उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 27 जुलाई से शुरू हुए जनसमस्या निवारण पखवाड़ा की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जनसमस्या निवारण शिविरों में मिल रहे आवेदनों को निराकृत करने प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को जन अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने को कहा। उन्होंने शहरों की समस्याओं के निदान और जन सुविधाएं विकसित करने के लिए व्यापक हित में योजना बनाने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक श्री कुंदन कुमार भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के तहत आयोजित वार्डवार शिविरों के सुचारु संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों के आवेदनों का त्वरित निराकरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर वार्ड में आयोजित किए जा रहे शिविर आवेदन लेने का शिविर नहीं है। आवेदनों का तत्परता से निराकरण इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य है। श्री साव ने सभी आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शिविरों में सकारात्मक परिणाम के लिए बधाई दी। उन्होंने ज्यादा संख्या में मौके पर ही लोगों की समस्याएं निराकृत करने वाले नगरीय निकायों की पीठ थपथपाई और हौसला अफजाई की। उन्होंने बांकी बचे दिनों में भी जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के प्रभावी आयोजन के निर्देश दिए। शिविरों में आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए राशि जारी करने की बात भी कही।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने शिविरों के अनुभव के आधार पर कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने शिविरों में स्टॉल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत वार्डों में आयोजित हो रहे शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, जिससे कि लोगों को अपने वार्ड में आयोजित हो रहे शिविर के बारे में पहले से जानकारी हो और वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर में पहुंच सके।
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के शुरूआती तीन दिनों में प्रदेश भर में कुल 19 हजार 598 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 17 हजार 310 आवेदन मांगों से और 2288 आवेदन शिकायतों से संबंधित हैं। शिविरों में प्राप्त हुए करीब 40 प्रतिशत यानि 7747 आवेदनों को मौके पर ही निराकृत किया गया है। इस दौरान प्राप्त 1092 आवेदनों के दूसरे विभागों से संबंधित होने के कारण निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित शिविरों के बहुत अच्छे परिणाम आ रहे हैं। आप सभी अच्छा आयोजन कर रहे हैं। इसी तरह 15 दिनों तक काम करना है। उन्होंने हितग्राहीमूलक कार्यों को मौके पर करने के साथ ही सामुदायिक सुविधाओं जैसे पानी, नाली, बिजली की समस्या इत्यादि का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पट्टा, सड़क, नाली, बिजली जैसी मांग आने पर इन्हें किसी भी मद से करने का प्रस्ताव भेज सकते हैं। सीएसआर और डीएमएफ मद से भी कार्य करा सकते हैं। उन्होंने शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने को कहा। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ मंत्रालय में समीक्षा बैठक में राज्य शहरी विकास अभिकरण (सुडा) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय, नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य और संयुक्त संचालक श्री एस.के. सुंदरानी भी मौजूद थे। वहीं सभी नगर निगमों के आयुक्त, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के संभागीय संयुक्त संचालक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में जुड़े।