मणिपुर हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सीजेआई के पास भेजने को कहा

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में यौन उत्पीड़न एवं हिंसा की घटनाओं के मामले में जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में समिति के गठन का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ता से कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका सूचीबद्ध कराएं । यह मामला न्यायमूर्ति एस. के. कॉल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कराने का उल्लेख किया गया था। प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अदालत बृहस्पतिवार को नहीं बैठेगी। याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी ने पीठ को बताया कि मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता जताने से संबंधित लंबित याचिकाओं को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी याचिका को भी अन्य संबंधित मामलों के साथ शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने कहा, ‘‘इस विषय पर एक और (याचिका) की क्या आवश्यकता है?” पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इस मुद्दे को लेकर दायर याचिकाओं पर विचार कर रही है।” पीठ ने कहा, ‘‘इस देश में हर कोई इस पर कुछ कहना चाहता है।” शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘इसका कल प्रधान न्यायाधीश के समक्ष उल्लेख करें।” अपनी याचिका में तिवारी ने दावा किया कि कानून के शासन के उल्लंघन और मणिपुर में दमनकारी क्रूरता, अराजकता के खिलाफ इस याचिका को दायर किया गया है। तिवारी ने मणिपुर हिंसा मामले में अदालत से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को कहा था कि वह इस घटना से ‘‘बेहद आहत” है और हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को औजार के रूप में उपयोग करना ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है”।

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