महापौर पूजा ने पचरीघाट में मूर्ति विसर्जन का किया समर्थन

 

अरपा मैया भक्तजन समिति ने खत्म किया आंदोलन

बिलासपुर। अरपा मैया भक्तजन समिति बिलासपुर के कार्यकर्ता पचरीघाट में मूर्ति विसर्जन करने की मांग को लेकर रात्रिकालीन आंदोलन कर रहे थे। इस बीच महापौर पूजा विधानी धरना स्थल पर पहुंची। सभी मंागों को पूरी करने का भरोसा दिया है। महापौर पूजा ने कहा है कि दशकों की परंपरा को खत्म नहीं किया जाएगा। घाट निर्माण व सीढिय़ों की ऊंचाइयों को बराबर करने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही आंदोलन समाप्त हो गया।

प्रदर्शन में शामिल निलेश मांडेवार ने बताया कि गणेश की प्रतिमा 100 साल से ज्यादा समय से विसर्जन पचरी घाट में होता आ रहा है। इस बार मूर्तियों को छठ घाट में विसर्जन किया गया। इस बार सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए विसर्जन कराया गया। समिति की मांग है कि घाट को बड़ा किया जाए। गाडिय़ां आराम से आ जाए। रैंप बनाया जाए। सीढ़ी को ठीक किया जाए। सारी मूर्तियों का विसर्जन पचरी घाट में किया जाए। राधा बाई थवाईत ने कहा कि पचरी घाट को ही विजर्सन स्थल बनाया जाए। 55 साल से भोजली जवंरा गौरा सभी देवी-देवताओं का विसर्जन पचरीघाट में होते आ रहा है। पचरीघाट में ही व्यवस्था बनानी चाहिए।

प्रदर्शन में शामिल हुई महिलाएं
जिला प्रशासन के इस निर्णय से जन आक्रोश भडक़ने लगा है। इस प्रदर्शन में वरिष्ठ महिला और पुरुष बच्चे व युवा सभी वर्ग शामिल थे। इनका कहना है कि 50 साल से इसी घाट पर गौरा गौरी, भोजली, भगवान गणेश, और मां दुर्गा की प्रतिमाएं यही विसर्जित होती आ रही हैं। प्रशासन किसके इशारे पर षड्यंत्र कर ऐतिहासिक विसर्जन स्थल पचरी घाट पर प्रतिबंध लगाया है।

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