नगर निगम के राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट देखकर मेयर रामशरण नाराज
बिलासपुर. नगर निगम के राजस्व विभाग के अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी इतने निकम्मे हैं कि वे 10 माह में अपने वेतन के लायक तक संपत्ति कर की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि राजस्व विभाग के 12 ऐसे कर्मचारियों को नगर निगम पाल रहा है, जिन्होंने 10 माह में 5 से लेकर 30 प्रतिशत ही संपत्ति कर की वसूली की है। इनकी पगार की बात करें तो इन अधिकारी-कर्मचारियों को हर माह 40 से 45 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। यानी कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के 10 माह में 4 लाख से लेकर 4.50 लाख रुपए भुगतान किए जा चुके हैं। दूसरी ओर, इनकी वसूली पर गौर करें तो इन अधिकारी-कर्मचारियों ने 10 माह में व्यक्तिगत तौर पर 1 लाख 73 हजार रुपए से लेकर 9 लाख तक की वसूली की है। दिए गए टारगेट में इसका प्रतिशत निकाला जाए तो यह महज 5 से 30 प्रतिशत ही वसूली है, जबकि अब वित्तीय वर्ष मात्र 40 दिन ही बच गए हैं। नगर निगम को आय का एक बड़ा हिस्सा संपत्ति कर से मिलता है। नगर निगम के राजस्व विभाग पर कुल 70 में से 30 वार्डों में संपत्ति कर वसूलने का जिम्मा है। इसके लिए जोनवार 32 अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन अधिकारी-कर्मचारियों को 66 हजार 95 भवन मालिकों से 15 करोड़ 7 लाख 75 हजार 264 रुपए संपत्ति कर के रूप में लेने हैं। 1 अप्रैल 2021 से 16 फरवरी 2022 तक के वसूली के आंकड़े बताते हैं कि इस अवधि तक 5 करोड़ 93 लाख 52 हजार 37 रुपए की ही वसूली हो पाई है। यानी कि अब तक 39 प्रतिशत ही वसूली हो पाई है।
मेयर बोले- जितना प्रतिशत वसूली, उतना ही फीसदी मिलेगा वेतन
राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के परफार्मेंस को देखकर किसी भी जनप्रतिनिधि और अफसर का गुस्सा होना लाजिमी है। अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही और काम के प्रति उदासीनता को लेकर बीते शुक्रवार को मेयर रामशरण यादव भड़क गए। उन्होंने अब पब्लिक सेक्टर की तर्ज पर जितना प्रतिशत काम, उतना प्रतिशत ही वेतन का फार्मूला लागू करने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी जितना प्रतिशत वसूली करेगा, उसे उतना ही वेतन दिया जाएगा।
325 दिन रहे निठल्ले, अब 40 दिन में करनी होगी 70 फीसदी तक वसूली
किसी भी वित्तीय वर्ष में कुल 365 दिन होते हैं। 1 अप्रैल से 20 फरवरी तक की बात करें तो चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के 325 दिन गुजर चुके हैं। इतने दिनों में बेगारी करते हुए राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी महज 5 से 30 प्रतिशत संपत्ति कर की वसूल कर पाए हैं। अब 70 फीसदी तक टारगेट पूरा करने के लिए उनके पास महज 40 दिन ही शेष रह गए हैं। इतने दिनों में नगर निगम के इन राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को 9 करोड़ 14 लाख 23 हजार 227 रुपए की वसूली करनी है।
ये हैं टॉप 5 लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी
मनीष उपाध्याय 5.74 प्रतिशत
रामकुमार कौशिक 10.98 प्रतिशत
गौतम कैवर्त्य 15.56 प्रतिशत
परिवेश आदम भास्कर 19.57 प्रतिशत
सुरेश प्रजापति 22.86 प्रतिशत
संपत्ति कर नगर निगम की आय का एक बड़ा स्रोत है। बीते दिनों ली गई समीक्षा बैठक में ये बात सामने आई कि राजस्व विभाग के राजस्व अधिकारी और सहायक राजस्व अधिकारी अपने काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वे उतना संपत्ति कर भी वसूल नहीं पा रहे हैं, जितना उन्हें वेतना मिलता है। इसलिए राजस्व विभाग में जितना प्रतिशत संपत्ति कर की वसूली, उतना प्रतिशत वेतन का फार्मूला लागू किया जा रहा है।
रामशरण यादव, मेयर नगर निगम