हिंदी भाषा में चिकित्सा विज्ञान की पढाई के लिए सार्थक पहल : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने मंगलवार को कहा है कि आज पूरा भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा में परिवर्तन ला रहा है। भारत के गृहमंत्री ने मध्य प्रदेश में हिंदी के माध्यम से आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की शुरुआत की है। आज एक महत्वपूर्ण दिन है जब एक हिंदी भाषा के विश्वविद्यालय ने अकादमिक और शोध के क्षेत्र में उन्नयन के लिए एक चिकित्सा विश्वविद्यालय के साथ द्विपक्षीय अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया है कि इस क्षेत्र में भी जो भाषाओं का बंधन है, उसको हम तोड़ेंगे। हिंदी भाषा में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की दिशा में यह सार्थक पहल सिद्ध होगा।
कुलपति प्रो. शुक्ल महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (म.गां.अं.हि.वि.) और दत्ता मेघे इन्स्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमआईएचईआर), सावंगी (मेघे), डीम्ड यूनिवर्सिटी व आचार्य विनोवा भावे ग्रामीण रुग्णालय (आ.वि.भा.ग्रा.रु.), सावंगी के मध्य द्विपक्षीय अनुबंध-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर डीएमआईएचईआर के प्रो. चांसलर प्रो. वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा कि दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शुक्ल को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ कि आपने इस प्रयोजन को लेकर उसे सार्थकता और सिद्धता को बढ़ाने का जो प्रामाणिक प्रयास किया है, इस सफरनामे के अंतर्गत हम और आप बराबर के हमसफर होंगे, विद्यार्थी नूतनता की ओर दस्तक करेगा, मानवता के कल्याण के लिए कार्य करेगा।
गांधी-विनोबा की तपोभूमि वर्धा में स्थित म.गा.अं.हिं.वि. और डीएमआईएचईआर व आ.वि.भा.ग्रा.रु. ने द्विपक्षीय अनुबंध-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर इतिहास का एक नया अध्याय रच दिया। सावंगी मेघे के ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल और प्रो. वेदप्रकाश मिश्रा की प्रमुख उपस्थिति में हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव क़ादर नवाज़ ख़ान और डीएमआईएचईआर के कुलसचिव डॉ. श्वेता काळे पिसुलकर व आ.वि.भा.ग्रा.रु. के विशेष कर्तव्याधिकारी डॉ. अभ्युदय मेघे ने हस्ताक्षर किये।
समझौता ज्ञापन के तहत ‘मगांअंहिवि‘ तथा ‘डीएमआईएचईआर‘ के मध्य अकादमिक, अनुसंधान, आधारभूत संरचना, संकाय-विद्यार्थी एक्सचेंज, फॉरेन नेटवर्किंग, शोध एवं विस्तार इत्यादि कार्यक्रम संचालित किये जा सकेंगे। समझौता ज्ञापन के अनुसार म.गां.अं.हिंदी विश्वविद्यालय के स्थायी कर्मियों को कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। हिंदी विश्वविद्यालय के स्थायी कर्मी व परिवार (‘इन पेशेंट‘) के लिए आचार्य विनोवा भावे ग्रामीण रुग्णालय, सावंगी (मेघे) द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं (जिसमें स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, जांच और उपचार शामिल हैं) प्रदान की जा सकेंगी। ‘इन पेशेंट‘ के उपचार पर किए गए खर्चें का भुगतान हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की दरों पर आ.वि.भा.ग्रामीण रुग्णालय को किया जा सकेगा।
एमओयू कार्यक्रम के दौरान हिंदी विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ.के.बलराजु, मानवविज्ञान विभाग के प्रो. फरहद मल्लिक, जैपनीज भाषा के सहायक प्रोफेसर सन्मति जैन, अनुवाद अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्रीनिकेत मिश्र, प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित विश्वास और डीएमआईएचईआर के कुलपति प्रो. ललित भूषण वाघमारे, प्रति कुलपति डॉ. गौरव मिश्रा, सेमुअल रत्नकुमार, विट्ठल शिंदे सहित डायरेक्टर्स, डीन, विभागाध्यक्ष, कर्मी तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस दौरान डीएमआईएचईआर में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कुलपति प्रो. शुक्ल ने पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया। शुरुआत दीप दीपन से किया गया। हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रतिकुलपति व कुलसचिव का स्वागत शॉल, गणेश प्रतिमा व प्रतीक चिह्न प्रदान कर किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्ल ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तकें प्रदान कर मंचस्थ अतिथियों को सम्मानित किया।