चीन के दुस्साहस पर ढुलमुल रवैया छोड़े मोदी सरकार : कांग्रेस
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के डरपोक रवैये के कारण चीन ने दूसरी बार तवांग में भारतीय सीमा का उल्लंघन करने का प्रयास किया है। मोदी सरकार के अनिर्णय वाले रवैये का खामियाजा हमारे देश के जवान भुगत रहे हैं। पिछली बार 2020 में गलवान में इसी प्रकार की घटना के दौरान भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। उस घटना के बाद चीन के खिलाफ कोई कड़ा रुख नहीं अपनाए जाने के कारण आज उसी प्रकार के घटना की पुनरावृत्ति अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई है जिसमें 20 जवान घायल हो गए हैं। चीन को लाल आंखें दिखाने की बात करने वाले आज चीन के दुस्साहस पर नजरें चुराते नजर आ रहे हैं। बड़े आश्चर्य की बात है कि हर मामले में बढ़ चढ़कर बयान देने वाले नरेंद्र मोदी चीन के मामले में न केवल चुप्पी साध लेते हैं बल्कि उसे झूठलाने का भी प्रयास करते हैं। जब रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ स्वीकार कर रहे थे कि भारत की जमीन पर चीन ने कब्जा किया है। तब मोदी ने कहा था कि न कोई अंदर घुसा है, न कोई है। चीन, श्रीलंका में बंदरगाह ले लेता है और सरकार चुप रहती है, मालदीव में द्वीप ले लेता है और सरकार चुप रहती है, चीन ग्वादर पोर्ट को हथिया लेता है और सरकार चुप रहती है। चीन भारत देश को हर ओर से घेरने का प्रयास कर रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने देश के भीतर अरुणाचल प्रदेश में पूरा एक गांव बसा दिया है, साथ ही एक सैन्य चौकी भी स्थापित कर ली है। मोदी सरकार और भाजपा के नेता अपनी इज्जत बचाने के लिए इस बात को नकारने से भी बाज नहीं आते। मोदी सरकार के कायरता पूर्ण रवैये के कारण आज चीन का साहस इतना बढ़ चुका है कि हमारे देश के ही भीतर हमारे ही प्रधानमंत्री और मंत्रियों के जाने पर आपत्ति करता है। चीन ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अरुणाचल जाने पर विरोध जताया था। 2020 में गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल जाने पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन अरुणाचल प्रदेश में 15 जगहों के नए नाम रखकर देश की सरकार को चुनौती दे चुका है। इतना कुछ होने के बावजूद बड़ी ही बेशर्मी से मोदी सरकार और भाजपा के नेता अपने राष्ट्रवादी होने का दंभ भरते नजर आते हैं। मोदी सरकार को चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए ताकि चीन दुस्साहस बंद करे।