Myanmar में Democracy समर्थकों पर फायरिंग से दुनिया आगबबूला, 12 देशों ने जारी किया ये बयान


नेपीता. म्यांमार (Myanmar) में लोकतंत्र (Democracy) समर्थक प्रदर्शनकारियों पर शनिवार को हुई फायरिंग और 114 लोगों के मारे जाने से दुनियाभर में गुस्सा भड़क उठा है. दुनिया के 12 देशों के रक्षा प्रमुखों ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोली चलाए जाने की निंदा की है. रक्षा प्रमुखों ने म्यांमार की सेना से अपने रवैये में सुधार और लोगों की आवाज सुनने की मांग की है.

इन 12 देशों ने जारी किया संयुक्त बयान
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, ग्रीस, नीदरलैंड्स, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान ने इस संयुक्त बयान को जारी किया है. यह बयान शनिवार को विरोध प्रदर्शनों में 114 लोगों के मारे जाने के बाद जारी किया गया.

आम लोगों में भरोसा बहाल करने की अपील

बयान में कहा गया है, ‘हम म्यांमार (Myanmar) सशस्त्र बल और संबंधित सुरक्षा सेवाओं की ओर से निहत्थे लोगों के खिलाफ घातक बल के इस्तेमाल की निंदा करते हैं.’ रक्षा प्रमुखों ने कहा कि म्यांमार की सेना ने अपने ही लोगों पर गोलीबारी कर जनता का भरोसा खो दिया है. बयान में म्यांमार की सेना से आग्रह किया गया कि वह हिंसा रोककर आम लोगों में अपनी विश्वसनीयता बहाल करे.

‘सेना लोगों की सुरक्षा के लिए होती है’
रक्षा प्रमुखों ने कहा कि किसी भी देश की पेशेवर सेना अपने आचरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करती है. वह जनता की रक्षा के लिए जिम्मेदार होती है न कि उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए. रक्षा प्रमुखों ने म्यांमार (Myanmar) की सेना से अपील की कि वह हिंसा खत्म करके तुरंत जनता की आवाज सुने और उन्हें भरोसे का भाव जागृत करे.

म्यांमार में 1 फरवरी को हुआ था सैन्य विद्रोह

बताते चलें कि म्यांमार (Myanmar) की सेना ने 1 फरवरी को स्टेट काउंसलर सू की (Suu Kyi) को अरेस्ट करके उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था. उसके बाद से लोकतंत्र की बहाली के लिए लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जनआक्रोश को दबाने के लिए म्यांमार की सेना और पुलिस बल लगातार गोलीबारी का प्रयोग कर रही है. इस हिंसा में अब तक करीब 400 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. शनिवार को हुई हिंसा में करीब 114 लोग मारे गए. वहीं म्यांमार की सेना ने आलोचनाओं से बेपरवाह होकर शनिवार को सशस्त्र सेना दिवस मनाया.

म्यांमार में 1 फरवरी को हुआ था सैन्य विद्रोह
बताते चलें कि म्यांमार (Myanmar) की सेना ने 1 फरवरी को स्टेट काउंसलर सू की (Suu Kyi) को अरेस्ट करके उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था. उसके बाद से लोकतंत्र की बहाली के लिए लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जनआक्रोश को दबाने के लिए म्यांमार की सेना और पुलिस बल लगातार गोलीबारी का प्रयोग कर रही है. इस हिंसा में अब तक करीब 400 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. शनिवार को हुई हिंसा में करीब 114 लोग मारे गए. वहीं म्यांमार की सेना ने आलोचनाओं से बेपरवाह होकर शनिवार को सशस्त्र सेना दिवस मनाया.

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