November 27, 2024

दवाइयां नहीं इन 4 बीजों को खाकर ठीक कीजिए होर्मोनल गड़बड़ियां, एक्‍सपर्ट से जानें कैसे करें Seed Cyclin

सीड साइकिलिंग हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने के साथ शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। जो महिलाएं इंफर्टिलिटी, अतिरिक्त ब्लीडिंग और इर्रेगुलर पीरियड्स से गुजरती हैं, उन्हें सीड साइकिलिंग का फॉर्मूला एक बार जरूर ट्राय करना चाहिए।

महिलाओं में हार्मोनल गड़बडियां होना सामान्य है। कई बार हार्मोनल असंतुलन के चलते महिलाओं को मूड स्विंग, एन्जायटी के साथ अनियमित मासिक धर्म चक्र और पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी स्थितियों से भी गुजरना पड़ता है। यदि इनका इलाज सही समय पर न किया जाए, तो ये सभी स्वास्थ्य स्थितियां गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। जिससे कुछ महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही हार्मोनल असंतुलन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

हाल ही में न्यूट्रिशन एक्सपर्ट पूजा माखीजा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने शरीर में हार्मोन उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से कुछ बीज के सेवन के फायदे बताए हैं, जिसे सीड साइकिलिंग कहते हैं।
​क्या है सीड साइकिलिंग

जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें अलग-अलग तरह के बीजों को शामिल किया गया है। सीड साइकिलिंग के बारे में पूजा माखीजा बताती हैं कि यह एक नेचुरल ट्रीटमेंट है, जिसका इस्तेमाल हार्मोन को संतुलित करने , प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है।

इसमें हार्मोन को संतुलित करने के लिए महीने के अलग-अलग समय पर बीज खाने होते हैं। यह आपके मासिक धर्म चक्र के पहले भाग में हार्मोन एस्ट्रोजन और दूसरी छमाही में हार्मोन प्रोजेस्टेरोन के बीच एक स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा देने में बहुत मदद करते हैं।

सीड साइकिलिंग कैसे पीरियड्स को ठीक करने का काम करती है

न्यूट्रिशनिस्ट दो अलग-अलग स्टेज में चार तरह के बीज, जैसे- फ्लेक्स सीड, कद्दू, सूरजमुखी और तिल के बीज खाने की सलाह देती हैं। उनके अनुसार, ये सभी चार बीज मैंगनीज, मैग्रीशियम, तांबा, थायमीन, विटामिन ई, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर हैं।

ये पोषक तत्व आपकी बॉडी में अलग-अलग तरह की भूमिका निभाते हैं और गड़बड़ाई प्रणाली को ठीक करने में मदद करते हैं। जैसे फ्लेक्स सीड और कद्दू के बीज एस्ट्रोजन के उत्पादन में मददगार हैं। जबकि सूरजमुखी और तिल के बीज का कांबों एंटरोडिओल के जरिए बॉडी में प्रोजेस्टेरोन लेवल केा संतुलित करता है। इनका सेवन इंफिर्लिटी, अतिरिक्त ब्लीडिंग और अनियमित पीरियड्स के लिए एक वैकल्पिक उपाय है। बता दें कि सीड साइकिलिंग दो स्टेज में काम करती है। फॉलिकल फेस और ल्यूटियल फेज।

​मासिक धर्म के पहले से 15वें दिन करें इन सीड्स का सेवन

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फॉलिकल फेज आपके मासिक धर्म के पहले दिन से 15वें दिन तक शुरू होता है। इन दिनों के बीच में न्यूट्रिशनिस्ट नियमित रूप से दो चम्मच अलसी और कद्दू के बीज खाने के लिए कहती हैं। उनके अनुसार, इन बीजों में मौजूद लिग्रिन एस्ट्रोजन लवल को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो कि समय की जरूरत है।
​15वें से 28वें दिन तिल और सूरजमुखी के बीज का करें सेवन

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आपकी साइकिल के 15वें दिन से 28वें दिन तक चलने वाले ल्यूटियल फेज में नियमित रूप से दो चम्मच तिल और सूरजमुखी के बीज का सेवन करना चाहिए। दरअसल, इस फेज में अगले दो सप्ताह तक महिलाओं को ज्यादा प्रोजेस्टेरॉन की जरूरत पड़ती है, जो इन दोनों ही बीज में मौजूद होता है।
​बीजों के अन्य फायदे

  1. कद्दू और सूरजमुखी के बीज स्तन कैंसर से रक्षा करते हैं।
  2. अलसी के बीज बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल से जुड़ा है, जबकि कद्दू के बीज का तेल प्रोस्टेट और मूत्र संबंधी विकारों में मदद कर सकता है।
  3. तिल के बीज कम सूजन से जुड़े हैं।
  4. सूरजमुखी के बीज का सेवन हृदय रोग के जोखिम वाले कारकों में सुधार कर सकता है।

कई शोधों के अनुसार, 50 फीसदी महिलाओं का हार्मोनल असंतुलन उनके जीवन को प्रभावित करता है। पीरियड्स की शुरूआत, मेनोपॉज और गर्भावस्था में हार्मोन के असंतुलित होने की वजह से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में इन बीजों को खाना आपके आहार की गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने का शानदार तरीका है।

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