आदिवासीयो से बड़ा साइंटिस्ट कोई नहीं : प्रो. अमरजीव लोचन

बिलासपुर. 27 नवम्बर को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के एसटी, एससी, ओबीसी प्रकोष्ठ द्वारा ‘‘आदिवासी इतिहास और हमारा भविष्य़’’ विषय पर सेमीनार का आयोजन बिलासा सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो. अमरजीव लोचन, दिल्ली विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति  आचार्य डाॅ.  अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने की, कार्यक्रम का संचालन सुश्री स्वातिराज टोप्पो समन्वयक एसटी, एससी, ओबीसी प्रकोष्ठ के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि – प्रो. अमरजीव लोचन  ने अपने उद्बोधन मे कहा की –  आदिवासियों के उत्थान के लिए उन्हें उनके इतिहास की जानकारी होना आवश्यक है। आदिवासियों को किसी तरह इतिहास से अलग कर दिया गया, परंतु मुख्य बात यह है कि हम सभी की उत्पत्ति आदिवासियों के डीएनए से ही हुई है और भारत के मूल निवासियों  में सभी के अंदर है। आदिवासियों से बड़ा कोई साइंटिस्ट नहीं क्योंकि उन्हें हर बीमारी के इलाज की जानकारी होती थी, जिनका कोई विशेष संरक्षण नहीं होता। यह उच्च स्तर की जानकारी आज भी हमारे पास उपलब्ध नहीं है भले ही जानकारी अच्छी तरह से संरक्षित नहीं की गई हो पर तारों के दशा और दिशा तथा मिट्टी के बारे में जो जानकारी आदिवासियों के पास है वह आज भी हमारे पास नहीं है। उनकी जाति और जनजाति तथा मान्यता के बारे में हमारे मन मस्तिष्क में जो भी अलगाववादी सोच है उसे बंद करना चाहिए।  माननीय कुलपति महोदय ने अपने उद्बोधन में कहा कि  विश्वविद्यालय द्वारा बहुत जल्द ही एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा जहां पर देश-विदेश के आदिवासियों का सम्मेलन होगा जिसमें आदिवासियों से संबंधित उनकी पृष्ठभूमि को उजागर कर उनकी अच्छी बातों को वर्तमान परिवेश में समाहित किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में  कुलसचिव महोदय द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया । सेमिनार में विश्वविद्यालय से  सम्बद्ध  महाविद्यालयों से अधिक संख्या में एसटी/एससी छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विश्व विद्यालय शिक्षण विभाग से  डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. पूजा पांडे डॉ. सीमा बेलोरकर, डॉ. रश्मि गुप्ता, श्रेया साहू, डॉ. सुमोना भटटाचार्य,  धर्मेंद्र कश्यप के साथ सभी शिक्षकगण उपस्थित रहें।

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