संसद भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू से न कराना आदिवासी समाज का है अपमान: कोमल हुपेंडी
बिलासपुर. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न बुलाने और उनसे उद्घाटन न कराने को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। हुपेंडी ने कहा, संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से न कराना आदिवासी समाज का अपमान है। भाजपा की मानसिकता दलित विरोधी है। इसलिए राष्ट्रपति को इस मामले में अनदेखा किया गया है। बीजेपी आज भी समाज के वंचित लोगों दलित और आदिवासी समाज को अछूत मानती है। भाजपा ऐसा मानती है कि अगर कोई शुभ कार्य एससी-एसटी से करवाया जाएगा तो अपशगुन हो जाएगा।
हुपेंडी ने कहा, संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाकर बीजेपी ने आदिवासियों और पिछड़े समुदायों का अपमान किया है। भारतीय जनता पार्टी दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की जन्मजात विरोधी है। पहला अपमान, भगवान श्री राम के मंदिर शिलान्यास में श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया गया। नए संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया गया। दूसरा अपमान, नए संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी को न बुलाना। बीजेपी की सरकार में राष्ट्रपति का पद महज प्रतीकात्मक बनकर रह गया है।
कोमल हुपेंडी ने कहा, देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति को समारोह में न बुलाकर भाजपाई ने संपूर्ण आदिवासी समाज का अपमान किया है। छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज आज इन भाजपाइयों से पूछ रहा है कि क्या ये हमें अशुभ मानते हैं, इसलिए हमें नहीं बुलाते? केंद्र सरकार के इस आदिवासी विरोधी फैसले से छत्तीसगढ़ के आदिवासी आक्रोशित हैं। खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता आदिवासियों के इस अपमान पर चुप्पी साध रखें हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपाइयों को छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज मुहतोड़ जवाब देगा।