July 1, 2024

भ्रामक विज्ञापन प्रचारित करने के विरोध में डीपी कॉलेज के ऊपर जाँच कर कड़ी कार्रवाई करने एनएसयूआई ने सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर. एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में एनएसयूआई छात्र प्रतिनिधि मंडल द्वारा डीपी विप्र कॉलेज के द्वारा स्वयं को ऑटोनॉमस घोषित कर भ्रामक विज्ञापन प्रचारित करने के विरोध में डीपी कॉलेज के ऊपर जाँच कर कड़ी कार्रवाई करने हेतु अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति ए डी एन वाजपेयी को ज्ञापन सौंपा गया।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कि लगातार छात्रों की शिकायतें आ रहीं हैं कि वे इस भ्रम में हैं कि बिलासपुर जिले में संचालित डी.पी. विप्र कॉलेज ऑटोनॉमस है अथवा नहीं इस संबंध में अटल विश्वविद्यालय प्रबंधन से चर्चा के बाद ज्ञात हुआ कि अटल विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक डी.पी. कॉलेज को ऑटोनॉमस का एनओसी नहीं दिया गया है उसके बावजूद भी डी.पी. कॉलेज अपने आपको ऑटोनॉमस घोषित कर समाचार पत्रों में भ्रामक विज्ञापन जारी करवाया जा रहा है।रंजीत सिंह ने राज्य एवं केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरीके से नीट एवं नेट जैसी परीक्षाओं को प्राइवेट संस्थाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है,और ये प्राइवेट संस्था लाखों विद्यार्थियों के भविष्य को दांव में लगाकर लगातार पेपर लीक करवा रहे हैं।
जब लाखों विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाली अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय डीपी कॉलेज को ऑटोनॉमस का एनओसी नहीं दे रही है क्योंकि ऑटोनॉमस बनने के बाद उस महाविद्यालय में विश्वविद्यालय का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाता है और प्राइवेट कॉलेज के ऑटोनॉमस होने के बाद सभी कार्य उसके चेयरमैन के इशारों में होता है इसके कारण विश्वविद्यालय द्वारा एनओसी नहीं दिया जा रहा है इसके बावजूद इस बीजेपी सरकार की मंशा साफ समझ आ रही है कि वो डी.पी. कॉलेज को ऑटोनॉमस बनाकर शिक्षा को प्राइवेटाइजेशन की ओर ले जाने का काम कर रही है।
साथ ही रंजीत सिंह ने डीपी कॉलेज के ऊपर उच्च स्तरीय जाँच समिति बनाकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है एवं किए गए समस्त कार्रवाई की जानकारी लिखित रूप में एनएसयूआई छात्र संगठन को दिये जाने की मांग की है,मांग पूरी नहीं होने पर एक सप्ताह के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी भी एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह द्वारा दिया गया है।
एनएसयूआई द्वारा प्रमुख रूप से निम्नलिखित 5 मांगे कुलपति के समक्ष रखी गयीं –
1) डीपी विप्र कॉलेज द्वारा जारी भ्रामक विज्ञापन के विषय में विश्वविद्यालय स्थानीय छात्र छात्राओं के प्रति अपने उत्तरदायित्व का गंभीरता पूर्वक निर्वहन करते हुए तत्काल प्रभाव से अपने वेबसाइट, स्थानीय समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा विभिन्न ज्ञापन के माध्यम से समाज को यह जानकारी उपलब्ध कराये कि डी. पी. विप्र महाविद्यालय का तथाकथित विज्ञापन भ्रामक है।
2) डी. पी.विप्र महाविद्यालय की इस संवैधानिक अनियमितता से तत्काल यूजीसी नई दिल्ली को अवगत कराया जाये।
3) डी. पी.विप्र महाविद्यालय पर छात्र छात्राओं को दिग्भ्रमित करने के लिए विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्तुत की जाये।
4) कॉलेज कोड 28 के भाग 2 की कंडिका 3 (6) (i) के अनुसार महाविद्यालय पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
(5) महोदय आपको ज्ञात हो कि पूर्व में हुए अनेक अनियमितताओं एवं करोड़ों के घोटाले के कारण उक्त डी पी विप्र महाविद्यालय में सत्र 2011-12 में राज्य शासन द्वारा प्रशासक नियुक्त किया गया था।
हमारी माँग है कि जब तक उपरोक्त विषय पर संपूर्ण जाँच पूर्ण होने के पश्चात उचित निर्णय नहीं लिया जाता,तब तक के लिए उक्त डी पी विप्र महाविद्यालय में पुनः शासन द्वारा प्रशासक की नियुक्ति करने हेतु आपके द्वारा राज्य शासन को पत्र के माध्यम से माँग पत्र/अनुरोध पत्र भेजा जावे।

रंजीत सिंह ने कुलपति को बताया कि डीपी विप्र संस्था द्वारा तीन शिक्षण संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है जो अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय हैं,उन महाविद्यालयों में भी व्याप्त अनेक भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायत पूर्व में किया जा चुका है।यदि डीपी विप्र कॉलेज ऑटोनॉमस होता है तो वह कॉलेज भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाएगा।

इस विषय को संज्ञान में लेते हुए कुलपति वाजपेयी ने डीपी विप्र कॉलेज को तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ साथ विश्वविद्यालय के पोर्टल में यह दर्ज करने की डीपी विप्र कॉलेज ऑटोनॉमस नहीं है की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिये।
कुलपति द्वारा एनएसयूआई की सभी माँगों को कार्यपरिषद की बैठक में रखने एवं जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।
ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के साथ प्रदेश सचिव लोकेश नायक, जिला उपाध्यक्ष सुमित शुक्ला,जिला महासचिव शुभम जायसवाल,महासचिव प्रवीण साहू, महासचिव शिवांश पाठक,विपिन साहू,अशोक पटेल,प्रवीण मनहर,राकेश तिवारी,कुलभूषण,राहुल यादव आदि एनएसयूआई के छात्र प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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