November 24, 2024

कांग्रेस भवन में पण्डित मोतीलाल नेहरू की जयंती मनाई गई

बिलासपुर. ज़िला कांग्रेस कमेटी ( ,शहर/ग्रामीण ) ने आज कांग्रेस भवन में स्वतंत्रता सेनानी ,बैरिस्टर, सामाजिक कार्यकर्ता पण्डित मोती लाल नेहरू की जयंती मनाई गई और उनकी छाया चित्र पर माल्यापर्ण कर आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान का पुण्यस्मरण किया गया ।
 शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा महात्मा गांधी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित थे, मोतीलाल नेहरू ने वेस्टर्न कल्चर को त्याग कर ,भारतीय परंपरा  को अपनाया ,जबकि मोती लाल नेहरू अग्र पंक्ति मे शुमार थे जिन्होंने ब्रिटेन जाकर अध्ययन किया , मोती लाल नेहरू एक काबिल बैरिस्टर थे जिनकी फीस उस समय लाखो में हुआ करता था ,उनकी योग्यता के कारण उन्हें ग्रेट ब्रिटेन के प्रिवी कॉउंसिल में जगह मिली हुई थी ,मोती लाल नेहरू ने आज़ादी की लड़ाई में आर्थिक मददगार थे ,उन्होंने इलाहाबाद के दोनों बंगले दान कर दिए , उन्होंने 1918-19 और 1928-29  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे ,वे 1928 भारतीय संविधान आयोग के अध्यक्ष थे । नेहरू परिवार का आज़ादी की लड़ाई में बड़ा योगदान है ,पर आज  चन्द अंग्रेज परहस्त लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए  गांधी-नेहरू परिवार को  बदनाम करने में लगे है,जिनकी भूमिका आज़ादी की लड़ाई में संदिग्ध रहा है ,आज देश भक्त बनने का स्वयं प्रमाणपत्र जारी कर रहे है।
 ज़फर अली ,हरीश तिवारी ,एसएल रात्रे ने कहा कि मोती लाल नेहरु के पिता एक कश्मीरी ब्राम्हण थे ,जो दिल्ली  कोतवाल थे ,उन्होंने आगरा में आकर बस गए ,पर गंगाधर नेहरू का निधन मोती लाल नेहरू के जन्म से तीन माह पहले हो गया ,दो बड़े भाइयों के देखरेख बचपन बीता ,मोती लाल नेहरु  एक कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभाशाली थे ,बड़े भाई के निधन के बाद 25 वर्ष के युवा मोती लाल के कंधो पर पारिवारिक जिम्मेदारी आ गई ,फिर भी अपने उद्देश्य से भटके नही और समाज मे मान-प्रतिष्ठा ,धन -दौलत सब कमाया ,मोतीलाल नेहरू कुछ समय के लिए कांग्रेस से पृथक स्वराज दल का गठन सी चितरंजन दास के साथ मिलकर किया जिन्हें 1925 के चुनाव में बड़ी सफलता मिली ,और कुछ ही समय पश्चात कांग्रेस में विलय कर दिये, 6 फरवरी 1931 को मोतीलाल नेहरू का निधन और इस तरह एक आज़ादी का मसीहा सदा के लिए चिर निद्रा में लीन हो गया ।
 कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फर अली, हरीश तिवारी, एसएल रात्रे, विनोद शर्मा, त्रिभुवन कश्यप, माधव ओतलवार, विनोद साहू,जगदीश कौशिक, अनिल सिंह चौहान, सुभाष ठाकुर, पिंकी बतरा, शिल्पी तिवारी, सावित्री सोनी, अन्नपूर्णा ध्रुव, प्रियंका यादव सुदेश नन्दिनी ,अनिल पांडेय, राजेश ताम्रकार, चन्द्र शेखर मिश्रा,ब्रजेश साहू, अखिलेश बाजपेयी,राजेश शर्मा,गोवेर्धन श्रीवास्तव,हेमन्त दिघरस्कर,सत्येंद्र तिवारी,गणेश रजक,भरत जोशी,संगीता यादव,करम गोरख,राज कुमार बंजारे,सूर्यकांत साहू,अजय साहू,दीपक रायचेलवार, मनोज शर्मा,लक्ष्मी जांगड़े,अनिल घोरे,चन्द्रहास केशरवानी,संजय साहू,विजय माहेश्वरी,मदन लाल यादव उपस्थित थे।

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