सिम्स व जिला अस्पताल में बहुत जल्द मिलेगी व्हाट्सएप से पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट
कलेक्टर ने जिले के दोनों बड़े अस्पतालों का किया निरीक्षण
मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का लिया जायजा
बिलासपुर. सिम्स और जिला अस्पताल बिलासपुर में पैथोलॉजी जांच की रिपोर्ट बहुत जल्द व्हाट्सएप मैसेज के जरिए मिलेगी। रिपोर्ट प्राप्त करने मरीजों को भागदौड़ करना नहीं पड़ेगा। कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स और जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद दोनों प्रबंधन को इस आशय के निर्देश दिए। पहले यह व्यवस्था जिला अस्पताल में शुरू होगी। उसके कुछ दिनों बाद सिम्स अस्पताल में। निगम आयुक्त अमितकुमार, अधीक्षक डॉ. एसके नायक व सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता भी निरीक्षण में साथ थे।
कलेक्टर अवनीश शरण ने आज फिर सिम्स अस्पताल का जायज़ा लिया। उन्होंने अस्पताल की सुविधाओं में वृद्धि के लिए किए जा रहे निर्माण कार्यों को देखा। विभिन्न वार्डों में पहुंचकर मरीजों से मुलाकात की। अस्पताल से मिल रहे भोजन, इलाज और दवाइयों की जानकारी ली। मरीजों के सुविधा पूर्वक आने – जाने के लिए 6 लिफ्ट हैं। इनमें से 5 चालू हालत में हैं। एक बंद पड़े लिफ्ट को 2 दिन में सुधारने के निर्देश दिए। दो और लिफ्ट के लिए सिविल वर्क को 1 माह में पूर्ण करने कहा। परिजन शेड के किनारे ड्रेनेज को ठीक करने को कहा है। उन्होंने लेबर वार्ड, आपातकालीन वार्ड, ट्रायज, गार्डन, किचन शेड, पार्किंग आदि का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अधीक्षक कक्ष में संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। डॉक्टरों से मौसमी बीमारियों के संक्रमण की जानकारी लेकर तत्परता से इलाज करने के सख्त निर्देश दिए।
सिम्स अस्पताल के बाद कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हमर लैब और बर्न यूनिट को जल्द शुरू करने बाकी काम जल्द पूर्ण करने को कहा है। आपातकालीन वार्ड 1में मरीजों के लिए 1 एसी की स्वीकृति दी। देवरी खुर्द के उस बच्चे की इलाज का जायज़ा लिया, जिसे आवारा कुत्ते के काटने के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल में भरती किया गया है। उन्होंने उनके माता – पिता से घटना की जानकारी ली और पूरा इलाज करा लेने के बाद ही छुट्टी लेने की समझाइश दी। उन्होंने जिला अस्पताल में पैथोलॉजी रिपोर्ट व्हाट्सएप में देने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को अनावश्यक बार बार आने जाने की परेशानी न हों। सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि फिलहाल पैथोलॉजी विभाग में 96 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। लगभग 150 मरीजों की 500 प्रकार की जांच हर रोज की जाती है। जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 300 मरीज इलाज कराने आते हैं।