भारत में लोग सालों भर मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में परेशान रहते हैं: गुडनाइट सर्वेक्षण
- गुडनाइट सर्वेक्षण से पता चला कि81% भारतीयों का मानना है कि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी सिर्फ मानसून में ही नहीं, बल्कि कभी भी हो सकती है
- पूर्वी भारत में इस बात से सबसे अधिक लोग (86%)सहमत है, उसके बाद पश्चिम (81%), उत्तर एवं दक्षिण (80%) के लोग
- जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण,मच्छरों की आबादी और बीमारियों को फैलाने की उनकी क्षमता जैसे कारकों के कारण ये बीमारियां अब सिर्फ मानसून तक सीमित नहीं हैं
भारत में ज्यादातर लोगों को सालों भर मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा बना रहता है। देश में लगभग 81% लोगों का मानना है कि मलेरिया और डेंगू जैसी मच्छर के कारण होने वाली बीमारी सिर्फ मानसून के दौरान ही नहीं, बल्कि साल के किसी भी समय हो सकती हैं। यह आश्चर्यजनक जानकारी, हाल ही में गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के भारत के अग्रणी घरेलू कीटनाशक ब्रांड गुडनाइट द्वारा ‘एक मच्छर, अनगिनत खतरे’ शीर्षक से किए गए अखिल भारतीय सर्वेक्षण में सामने आई। यह सर्वेक्षण मार्केट रिसर्च फर्म यूगव ने किया था।
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अकेले भारत में डेंगू के 94000 से ज्यादा मामले सामने आए। 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस है और यह रिपोर्ट सही समय पर इस स्थिति के बारे में लोगों को आगाह करती है। यह गुडनाइट के साथ निरंतर सतर्कता बरतने का आह्वान है, जो मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों से सालों भर सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व पर रेखांकित करता है।
गुडनाइट सर्वेक्षण में 1011 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों ने मलेरिया और डेंगू सालों भर होने के खतरे के बारे में चिंता जताई। 83% पुरुष उत्तरदाताओं और 79% महिला उत्तरदाताओं ने यह आशंका जाती। इसके अलावा, तृतीय-पक्ष द्वारा किये गए विभिन्न शोधों के अनुसार, भारत में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बहुत अधिक आर्थिक नुकसान होता है।
भौगोलिक समूहों की बात करें तो सर्वेक्षण में मच्छर से होने वाली बीमारियों के बारे में हर जगह एक जैसी चिंता ज़ाहिर की गई। बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों वाला पूर्वी क्षेत्र सबसे अधिक सतर्क है, जहां 86% उत्तरदाताओं का मानना है कि मलेरिया और डेंगू साल के किसी भी समय हो सकता है। इसके ठीक बाद, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों वाले पश्चिम क्षेत्र में 81% लोग मानते हैं, जबकि दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों वाले उत्तर क्षेत्र और तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों वाले दक्षिण क्षेत्र में 80% लोग में ऎसी ही चिंता दिखाती है। यह क्षेत्रवार जानकारी मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए पूरे साल की रोकथाम रणनीतियों के महत्व को उजागर करती हैं।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) में केटेगरी हेड – होम केयर, शेखर सौरभ कहते हैं, “सर्वेक्षण के लगभग एक-तिहाई उत्तरदाताओं ने बताया कि अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के मलेरिया और डेंगू से प्रभावित होने की बात स्वीकार की और इससे शिक्षा, कार्यबल बाधित होता है तथा हमारी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर होती है। स्वस्थ राष्ट्र उत्पादक राष्ट्र होता है और मज़बूत जीडीपी स्वस्थ कार्यबल पर निर्भर करता है। गुडनाइट किफायती, नवोन्मेषी समाधानों के साथ परिवारों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर काम कर, हम डेंगू को बढ़ने से रोक सकते हैं और भारत के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।”
फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड की संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ. कीर्ति सबनीस ने गुडनाइट रिपोर्ट से सामने आई जानकारी पर अपनी टिप्पणी में कहा, “मैं डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर से पैदा होने वाली बीमारियों के बढ़ते खतरे को लेकर चिंतित हूं। ये बीमारियां न केवल व्यक्तिगत जीवन को खतरे में डालती हैं बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों और लोगों पर भी बोझ डालती हैं। सबसे ज़्यादा चिंताजनक बात यह है कि सालों भर संक्रमण हो रहा है और यह रुझान जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण तथा वैश्विक यात्रा में बढ़ोतरी के कारण अपेक्षाकृत अधिक बढ़ गया है। भारत में डेंगू के मामलों में हाल ही में आई तेज़ी से स्पष्ट है कि इस समस्या को दूर करना ज़रूरी है और हमें पूरे साल मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों से खुद को तथा लोगों को बचाने के लिए सतर्क रहना चाहिए और व्यापक रणनीति अपनानी चाहिए।”
गुडनाइट फ्लैश वेपोराइजर, अगरबत्ती और एडवांस्ड फास्ट कार्ड जैसे मच्छर भगाने वाले समाधानों की अपनी अग्रणी विरासत के साथ, मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अवैध, अनियमित तह चीन में तैयार मॉलेक्यूल के प्रवेश और ऐसे अवयवों वाले रेपेलेंट के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बीच गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के वैज्ञानिकों ने अपने भागीदार के साथ मिलकर ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ विकसित किया है जो भारत का पहला स्वदेशी और पेटेंट किया गया मॉलेक्यूल है। इससे मच्छर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी तरल वेपोराइजर फॉर्मूलेशन बनता है। घरेलू कीटनाशकों की श्रेणी में अग्रणी जीसीपीएल ने अपने नए गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र में रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्मूलेशन पेश किया है, जो भारत का सबसे प्रभावी लिक्विड वेपोराइज़र है। रेनोफ्लुथ्रिन से बना यह नया गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मूलेशन, भारत में फिलहाल उपलब्ध लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मेट में किसी भी अन्य पंजीकृत फॉर्मूलेशन की तुलना में मच्छरों के खिलाफ 2 गुना अधिक प्रभावी है।