PM के प्‍लेन के लिए भारत ने पाकिस्‍तान से एयरस्‍पेस की इजाजत मांगी, लिखी चिट्ठी

नई दिल्‍ली. पीएम नरेंद्र मोदी की 21-27 सितंबर के दौरान अमेरिका यात्रा के लिए भारत ने पाकिस्‍तान के एयरस्‍पेस के इस्‍तेमाल की इजाजत मांगी है. इस संबंध में पिछले दिनों भारत ने औपचारिक रूप से पाकिस्‍तान को चिट्ठी भी लिखी है. 20 सितंबर को पाकिस्‍तान को इसका जवाब देना है. उल्‍लेखनीय है कि पिछले दिनों पाकिस्‍तान ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदेशी दौरे के लिए अपने एयरस्‍पेस के इस्‍तेमा की इजाजत नहीं दी थी.

यदि इस बार भी भारत की पेशकश को पाकिस्‍तान ने ठुकरा दिया तो इसको इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन चार्टर (ICOA) का उल्‍लंघन माना जाएगा. इस चार्टर के मुताबिक युद्ध की स्थिति को छोड़कर किसी भी अन्‍य परिस्थिति में एयरस्‍पेस की इजाजत से इनकार नहीं किया जा सकता. इस सूरतेहाल में भारत पाकिस्‍तान के खिलाफ ICOA में जा सकता है जहां उसको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.

इससे पहले राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद की यूरोप यात्रा के लिए भारत ने पाकिस्‍तान से आग्रह किया था लेकिन पाकिस्‍तान ने पेशकश को ठुकरा दिया. इस सिलसिले में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था, ”भारत सरकार ने अपने राष्‍ट्रपति के आवागमन के लिए एयरस्‍पेस की इजाजत मांगी थी. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए हमने इसकी अनुमति नहीं दी.” भारत ने पाकिस्‍तानी फैसले को ‘निरर्थक’ निर्णय करार दिया था.

भारत का कूटनीतिक मास्‍टरस्‍ट्रोक
कूटनीतिक हलकों में भारत के इस कदम को कूटनीतिक मास्‍टरस्‍ट्रोक माना जा रहा है. विश्‍लेषकों के मुताबिक पाकिस्‍तान के लिए इससे असमंजस की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है. यदि पाकिस्‍तान इजाजत नहीं देता है तो ICOA का उल्‍लंघन होने के कारण भारी जुर्माना और अंतरराष्‍ट्रीय जगत में शर्मिंदगी उठाना पड़ेगा. वहीं दूसरी तरफ इजाजत देने की स्थिति में वह भारत के खिलाफ बैकफुट में नजर आएगा. उल्‍लेखनीय है कि 5 अगस्‍त को कश्‍मीर के विशेष राज्‍य के दर्जा खत्‍म करने की भारत की घोषणा के बाद पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय जगत में इस मुद्दे को उठाने की नाकाम कोशिशें कर रहा है.



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