प्रेस क्लब चुनाव की सरगर्मी हुई तेज : नेता और अफसरों का लिया जाने लगा सहारा

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बिलासपुर/अनीश गंधर्व . बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। कलमकारों व उनसे जुड़े लोग अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार प्रसार में जुट गये हैं। दो पुराने गुट के उम्मीदवार हैं और एक नया पैनल चुनाव मैदान में हैं। पत्रकारों के सामने इस बार योग्य प्रत्याशी को जिताने विकल्प ही विकल्प हैं। इधर राजनीतिक दलों के नेताओं में भी बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव को लेकर माहौल हैं। राजधानी रायपुर से लेकर शहर के दिग्गज नेता अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगकर माहौल को और गर्म कर दिया है। प्रेस क्लब चुनाव में राजनीतिक और प्रशासनिक दखल को शहर के बुद्धिजीवी पत्रकार अच्छा संकेत नहीं मान रहे हैं।

निष्पक्ष विचार रखने वाले पत्रकार ही अगर कुर्सी पाने की चाह में अपना आपा खो देंगे तो समाज में पत्रकारिता का कोई वजूद नहीं रह जएगा। जानकार पत्रकारों का कहना कि प्रेस क्लब चुनाव में शुरू से ही नेताओं की रुचि रही, लेकिन यह पहला अवसर हैं कि वोट पाने के फेर में कुछ उम्मीदवार नेताओं की चरणों में माथा टेकने जाने लगे हैं। पार्टी के बलबूते पूरे दो सालों के लिए कुर्सी में डटे रहने की मंशा रखने वाले उम्मीदवारों को अभी से दिन में चांद नजर आने लगा है। दो पुराने पैनल के सामने इस बार एक नया पैनल चुनाव मैदान हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में कोई भी पैनल किसी से कम नही हैं। पूर्व के चुनावों में समीकरण तय करने वाले दिग्गज पत्रकारों की भी इस बार बोलती बंद हो गई है। कुछ उम्मीदवार तो सीधे तौर पर राजनीतिक और प्रशासनिक अफसरों के माध्यम से वोट पाने की मशक्कत भी कर रहे हैं। शायद उन्हें नहीं मालूम कि एक ईमानदार पत्रकार ईमानदार उम्मीदवार को वोट करेगा। बहरहाल चुनाव की तारीख़ 24 जुलाई नजदीक है। वक्त कम है औऱ लगभग 450 मतदाता पत्रकार दूध का दूध और पानी का पानी करने का मन बना चुके हैं।

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