प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों से किया संवाद
परीक्षा पे चर्चा‘ का जिलास्तरीय कार्यक्रम, लखीराम ऑडिटोरियम में आयोजित
स्कूली छात्रों ने बताया कार्यक्रम को बेहद उपयोगी
बिलासपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज परीक्षा पे चर्चा के सातवे संस्करण में बोर्ड परीक्षा के छात्रों से बातचीत की। उन्होंने तनाव व समय प्रबंधन के साथ परीक्षा के समय अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका पर महत्वपूर्ण बातें कही। लखीराम ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। जिसमें कलेक्टर अवनीश शरण ने सैकड़ो स्कूली छात्रों के साथ कार्यक्रम में शिरकत की और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
भारत शासन के वार्षिक कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा के सातवें संस्करण का आयोजन आज नई दिल्ली के भारत मंडपम किया गया, जिसका सीधा प्रसारण पूरे भारतवर्ष में किया गया जिसमें प्रसारण के साथ अन्य रोचक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का जिलास्तरीय आयोजन शहर के लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में किया गया। जिसमें शहर के सैकड़ो स्कूली छात्रों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परीक्षा पे की गई सार्थक चर्चा अैार संवाद को सुना। इसके साथ ही जिले के विभिन्न स्कूलों में भी प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा का ऑनलाइन व रेडियो के माध्यम से प्रसारण किया गया जिसे स्कूली छात्रों, शिक्षको व अभिभावकों ने ध्यानपूर्वक सुना।
स्कूली छात्रोें मुस्कान सिंह, अनंत शुक्ला और नित्या शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस कार्यक्रम से उन्हे परीक्षा के दौरान न घबराने व तनाव प्रबंधन की सीख मिली। उन्होंने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताया। ऑडिटोरियम में आयोजित जिलास्तरीय कार्यक्रम में आत्मानंद तिलक नगर, लाला लाजपत राय, मोहन्ती, देवकीनंदन, सरस्वती स्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल हुई।
प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि परीक्षा के लिए एक दिन की तैयारी काफी नही है बल्कि लगातार प्रयास कि आवश्यकता है। परीक्षा के समय किसी भी तरह का तनाव न लें और पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि बच्चें लिखने का लगातार अभ्यास करें। शब्दों को समझें और परीक्षा हॉल में समय से पूर्व पहुंच कर ध्यान केन्द्रित करें।
श्री मोदी ने देश भर के अलग-अलग क्षेत्रों के स्कूली छात्रों अभिभावकों व शिक्षकों के परीक्षा के समय आने वाली चुनौतियों से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए। परीक्षा के दौरान संतुलित आहार, नींद और व्यायाम का महत्व समझाते हुए उन्होंने इन सभी के बीच संतुलन की बात कही। तकनीक के दुष्प्रभाव से जुड़े एक अभिभावक के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग विवेकपूर्वक होना चाहिए। परिवार को इसके लिए कुछ नियम बनाने चाहिए। परिवारों को नो गैजेड जोन और स्क्रीन टाईम मॉनिटर एप के महत्व के बारे में बच्चों को बताना चाहिए। तकनीक बोझ नही है लेकिन इसका सही उपयोग और इसके सकारात्मक पहलुओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने शिक्षको की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और बच्चों को अधिक से अधिक प्रेरित करने कहा। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड नहीं बनाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के बीच का बंधन पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए। अपने बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के बीज कभी न बोएं। बल्कि भाई-बहनों को एक.दूसरे के लिए प्रेरणा बनना चाहिए। अपने सभी कार्यों और अध्ययन में प्रतिबद्ध और निर्णायक बनने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि चुनौतियाँ आती रहेंगी और आपको उन चुनौतियों को चुनौती देनी होगी। यदि लाखों चुनौतियाँ हैं, तो अरबों समाधान भी हैं। असफलताओं से निराशा नहीं होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रसारण के बाद शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक आर. पी. आदित्य और सहायक संचालक प्रशांत राय ने भी स्कूली बच्चों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परीक्षा पे की गई सार्थक चर्चा को आत्मसात करने कहा। कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजय अग्रवाल, नगर निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार, शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक आर. पी. आदित्य, सहायक संचालक प्रशांत राय, जिला शिक्षा अधिकारी टी. आर. साहू, समग्र शिक्षा के डीपीओ अनिल तिवारी, रामेश्वर जायसवाल, वासुदेव पाण्डेय, समग्र शिक्षा डीएमसी श्रीमती अनुपमा राजवाड़े व विभिन्न स्कूलो के शिक्षक उपस्थित रहे।