प्रो. कुमुद शर्मा ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति पद का पदभार सँभाला
वर्धा : वरिष्ठ साहित्यकार, आलोचक एवं मीडिया विशेषज्ञ प्रोफेसर कुमुद शर्मा ने आज, शुक्रवार, 07 मार्च 2025 को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति पद का पदभार सँभाला। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा 06 मार्च 2025 को जारी आदेश के अनुसार उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पदभार सँभालने की तिथि से अगले पाँच वर्षों तक प्रभावी रहेगी।
कुलपति कक्ष में विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने प्रो. कुमुद शर्मा को विधिवत पदभार सौंपा। इस अवसर पर कुलसचिव, भाषा विद्यापीठ के अधिष्ठाता एवं दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द पाटील सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं निदेशकगण उपस्थित रहे। पदभार सँभालने के उपरांत प्रो. कुमुद शर्मा ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं शिक्षकों के साथ बैठक कर शैक्षणिक और प्रशासनिक विषयों पर चर्चा की।
पदभार सँभालते ही प्रो. कुमुद शर्मा ने विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, केंद्रों के निदेशक, प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों से संवाद कर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति को जानने और समझने का प्रयास किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं शोध संबंधी गतिविधियों का अवलोकन करते हुए आगामी योजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की विकास प्रक्रिया को गति देने और हिंदी भाषा, साहित्य एवं अनुसंधान को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्रों – प्रयागराज, कोलकाता और रिद्धपुर के प्रभारियों के साथ भी संवाद कर उनकी शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा की।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा कुलपति नियुक्त की गईं प्रो. कुमुद शर्मा वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रोफेसर रही हैं। इसके अतिरिक्त, वे विभिन्न महाविद्यालयों की प्रबंध समितियों की अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रही हैं। उनका अकादमिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है।
प्रो. कुमुद शर्मा ने 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से “नई कविता में राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप विकास” विषय पर पीएच.डी. पूरी की और 2002 में रांची विश्वविद्यालय से “भूमंडलीकरण: भारतीय मीडिया का बदलता परिदृश्य” विषय पर डी.लिट. की उपाधि प्राप्त की। आधुनिक साहित्य, स्त्री विमर्श और मीडिया अनुसंधान में उनकी विशेष रुचि रही है। उन्होंने अपने अकादमिक जीवन में अनेक महत्वपूर्ण शोधों का निर्देशन किया है और उनके मार्गदर्शन में कई शोधार्थियों ने एम.फिल एवं पीएच.डी. पूरी की है।
उनकी लेखनी भी अत्यंत समृद्ध रही है। उन्होंने भारतीय साहित्य के निर्माता: अंबिका प्रसाद बाजपेयी, समाचार बाज़ार की नैतिकता, आधी दुनिया का सच, हिंदी के निर्माता, विज्ञापन की दुनिया, जनसंपर्क प्रबंधन और भूमंडलीकरण और मीडिया जैसी चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। उनके समीक्षात्मक लेख, अनुवाद एवं सामाजिक विषयों पर विश्लेषणात्मक लेख विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। वे साहित्य अमृत पत्रिका की संयुक्त संपादक भी रह चुकी हैं।
प्रो. कुमुद शर्मा को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक और साहित्यिक योगदान के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2002 और 2009-10 में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा साहित्य श्री सम्मान तथा प्रेमचंद रचनात्मक लेखन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
अपने शैक्षणिक एवं साहित्यिक योगदान के साथ-साथ प्रो. कुमुद शर्मा ने प्रशासनिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे भारत सरकार की विभिन्न समितियों में सलाहकार एवं सदस्य के रूप में कार्य कर चुकी हैं, जिनमें नागरी उड्डयन मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, खनन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, प्रसार भारती एवं एनसीईआरटी शामिल हैं।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की पहली महिला कुलपति के रूप में प्रो. कुमुद शर्मा की नियुक्ति विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। महिला दिवस से एक दिन पूर्व एक महिला कुलपति पाकर विश्वविद्यालय के समस्त हितधारक हर्षोल्लास से भरे हुए हैं। संपूर्ण विश्वविद्यालय परिवार प्रो. कुमुद शर्मा की नियुक्ति से प्रसन्न है और आशा करता है कि उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।