वैक्सीन के लिए जो लोगों में भ्रांतियां है उसको दूर करने विवि के प्रोफेसर व छात्रों को आगे आना होगा : स्वास्थ्य मंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के तत्वधान में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं का नियोजन एवं प्राथमिकताएं कोविड-19 के परिपेक्ष्य में दिनांक 27 मई 2021 को संपन्न कराया गया। जिसमें मुख्य अतिथि श्री टी एस सिंह देव मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा किया गया। जिस पर उन्होंने विस्तृत रूप से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सभी का अधिकार बनाने एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सुदृढ़ बनाने के प्रयासों के बारे में बताया। अभी विश्व के कुल 10 मान्य मान्यता प्राप्त वैक्सीन में से केवल 4 भारत में उपलब्ध होने वाली है। भारत में वैक्सीन बनाने की क्षमता का तेजी से इजाफा हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने साथ सुविधाओं की पिरामिड की तरह बताया उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आशा मितानिन का कॉन्सेप्ट पूरे भारत देश में छत्तीसगढ़ राज्य से ही यह गया है। मंत्री ने बड़ी बारीकी से छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा एक नई स्वास्थ्य योजना श्री खूबचंद बघेल की स्मृति में में चालू करने की बात कही जिसके अंतर्गत समस्त वर्ग लाभान्वित होंगे तथा सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार छत्तीसगढ़ राज्य बढ़ा रहा है। वैक्सीन के संबंध में जो आम लोगों में ग्रामीण जनों में भ्रांतियां हैं उनको दूर करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर छात्र बुद्धिजीवी वर्ग समाजसेवी इनको आगे आगे आना चाहिए। जिससे कि वैक्सीनेशन का प्रोग्राम पूरी तरह से सब लोगों तक पहुंच सके और जब तक सुरूर आदिवासियों तक नहीं पहुंचेगा यह पूर्ण नहीं। इस वैक्सीन लगने के बाद भी यह शोध का विषय है कि यह कितने साल तक कारगर होगा। उन्होंने बताया की कोरोना महामारी में छत्तीसगढ़ शासन ने काफी प्रयासों से इस महामारी पर नियंत्रण पाया जिसमें छत्तीसगढ़ की जनता एवं प्रशासन की आम भूमिका है। ब्लैक फंगस क्यों हो रहा है?, अभी शोध का विषय है। कुछ विशेष रूप से एंटीबायोटिक, स्ट्राइड एवं ऑक्सीजन पाइप का स्वच्छ ना होना ही बताया गया। इससे बचने हेतु त्वरित जांच की आवश्यकता है। श्रीमती रश्मि आशीष सिंह कार्यपरिषद सदस्य अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय एवं विधायक तखतपुर ने टी एस सिंह देव स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया की कोरोना महामारी अभी टली नहीं है और इसके तैयारी हेतु एक अलग से कोरोना विभाग बनाने की मांग की जिससे कि कोरोना का समुचित इलाज हमारी जनता को मिल सके। देखने में यह भी आ रहा है, कई लोग मानसिक दबाव एवं वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले बुखार पर भी कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं। जिससे कि संसाधन का अनुचित उपयोग हो रहा है, जोकि इसे भी रोका जा सकता है। आज के कार्यक्रम के स्वागत अध्यक्ष प्रोफ़ेसर एडीएन वाजपेयी, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने सभी महानुभव का स्वागत किया व माननीय स्वास्थ्य मंत्री के ज्ञान को अति उत्तम एवं सरल ढंग से प्रस्तुति करने की कला अद्भुत बतलाई। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी की स्थापना से संबंधित प्रयास पर जोर दिया। जिससे कि आगामी शोध करोना वायरस जैसे आदि वायरस पर हो सके। डॉ एस एल निराला ने शिक्षा जगत की अपेक्षा से मुख्य अतिथि को अवगत कराया। एवं डॉक्टर एच एस होता जी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक सौमित्र तिवारी द्वारा किया गया। जिसमें उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के 12वीं वेबीनार का सफल सोपान पूर्ण किया। जो कि ऐतिहासिक है, क्योंकि इस 12 कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की कुलाधिपति दो बार एवं गुजरात के राज्यपाल महोदय, उच्च शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सांसद विवेक तंखा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं देश विदेश से अन्य गणमान्य नागरिको ने हिस्सा लिया। वेबीनार का संचालन सुश्री श्रिया साहू एवं सौमित्र तिवारी द्वारा किया गया।