पर्यावरण एवं जैवविविधता से ही पक्षियों और मनुष्यों का संरक्षण : योग गुरु महेश अग्रवाल

भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक योग केंद्र  स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल कई वर्षो से निःशुल्क योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहें है वर्तमान में भी ऑनलाइन माध्यम से यह क्रम अनवरत चल रहा है | वर्तमान कोविड 19 महामारी में भी हजारों योग साधक अपनी योग साधना की निरंतरता से विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं स्वस्थ एवं सकारात्मक रहते हुए सेवा के कार्यों में लगे है | केन्द्र पर सभी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय दिवस के महत्व के बारे में बताया जाता है | एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य, प्रकृति का सरंक्षण  का संकल्प लिया जाता है |
योग गुरु अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के अवसर पर कहा कि प्रकृति और मानव जीवन के बीच एक स्थायी संबंध है. हम अपने भोजन और स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ, विविध प्राकृतिक प्रणालियों पर निर्भर हैं. इसलिए, कई जैव विविधता मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रकृति ने सब कुछ दिया है, हम, वास्तव में, प्रकृति से लाभ लेते हैं लेकिन योगदान या सुरक्षा कम करते है, खुद को बचाने के लिए प्रकृति का संरक्षण करना आवश्यक है | यह दिन प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए भी मनाया जाता है |
जैव-विविधता “जैविक” और “विविधता” दो शब्दों से उत्पन्न हुआ है |  यह सभी प्रकार के जीवन को संदर्भित करता है जो पृथ्वी पर पाए जाते हैं जैसे पौधों, जानवरों, और सूक्ष्म जीवों| इसके अलावा, यह उन समुदायों को भी संदर्भित करता है जो वे बनाते हैं और जिन आवासों में वे रहते हैं | हम कह सकते हैं कि जैव विविधता एक दूसरे के साथ और बाकी पर्यावरणों के साथ जीवन रूपों और उनके परस्पर संबंधों का संयोजन है जिसने पृथ्वी को मनुष्यों के लिए एक अद्वितीय निवास स्थान बना दिया है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि जैव विविधता हमारे जीवन को बनाए रखने वाली बड़ी संख्या में सामान और सेवाएं प्रदान करती है, तकनीकी प्रगति के बावजूद दुनिया में पूरा समुदाय हमारे स्वास्थ्य, पानी, भोजन, दवा, कपड़े, ईंधन इत्यादि के लिए पूरी तरह से स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर है |
वनों, जंगलों की प्रजातियों और उन पर निर्भर रहने वाली आजीविकाएं वर्तमान में जलवायु परिवर्तन से लेकर जैवविविधता के नुकसान और कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से जूझ रहे हैं. जंगलों में रहने वाले जानवरों और पौधों का मानव कल्याण और स्थायी विकास के लिए आंतरिक मूल्य होता है | वे पारिस्थितिक, आनुवंशिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, मनोरंजन और सौंदर्य संबंधी पहलुओं में योगदान करते हैं |
हम कह सकते हैं कि जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विविधता और इसे बनाने वाले प्राकृतिक पैटर्न को दिया गया शब्द है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज हम जो जैव विविधता देख रहे हैं, वह अरबों वर्षों का विकास है, जिसे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा और तेजी से, मनुष्यों के प्रभाव से आकार दिया जा रहा है. यह जीवन का एक अभिन्न अंग है जिस पर हम निर्भर करते हैं |

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