रेत की कालाबाजारी को लेकर पनप रहा जनआक्रोश

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. कहते हैं एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है- रेत की कालाबाजारी को लेकर कांग्रेसी यह बात बोलने से नहीं चुक रहे हैं। मालूम हो कि रेत घाटों का ज्यादातर ठेका कांग्रेसी नेताओं को मिला है। रेत की हो रही कालाबाजारी का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया। इसमें यह बात सामने आ रही है कि रेत ठेकेदार चिन्हाकित एरिया से कहीं ज्यादा उत्खनन कर रहे हैं। तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में बेतरतीब तरीके से रेत का उत्खनन किया गया । अपने दायरे से कहीं ज्यादा एरिया में राजनीतिक दबाव बनाकर रेत कालाबाजारी की गई है। नियम विरुद्ध किए गए उत्खनन को लेकर अधिकांश कांग्रेसी नेता नाराज चल रहे हैं। उनके ही पार्टी के नेता द्वारा राजनीतिक दबाव बनाकर किए गए उत्खनन निंदा इन दिनों जोर शोर से की जा रही है।
एक ओर अरपा नदी का सौदर्यीकरण का कार्य कांग्रेस शासनकाल में शुरू हो गया है। सरकंडा और पचरीघाट में एनीकट का निर्माण कार्य चल रहा है। तो दूसरी ओर तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में अवैधानिक तरीके से अरपा नदी से रेत का उत्खनन किया गया, आधा दर्जन अवैध घाटों से रेत निकाला गया, रेत माफियाओं ने सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। राजनीतिक दबाव बनाकर किए गए उत्खनन से सरकार की जमकर फजीहत हो रही है। अरपा नदी और पर्यावरण को क्षति पहुंचाकर रेत की कालाबाजारी कर राजनीति करने वालों के खिलाफ जन आक्रोश पनप रहा है। खुद कांग्रेसी नेता इसकी कड़ी निंदा कर रहे है।