पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया, वर्धा चेप्टर ने मनाया 45 वाँ राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस
वर्धा. विश्वास और आत्मविश्वास के साथ एक नये युग की स्थापना में जनसंपर्क की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। संस्था, समाज और राष्ट्र को जोड़कर रखना जनसंपर्क का सारसूत्र है। यह विचार सुविख्यात जनसंपर्क विशेषज्ञ, पुणे स्थित ‘यशदा’ में माध्यम एवं प्रकाशन केंद्र के प्रमुख डॉ. बबन जोगदंड ने व्यक्त किए। वे पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया, (पीआरएसआई) वर्धा चेप्टर की ओर से गुरुवार, 21 अप्रैल को 45 वें राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर आयोजित ऑनलाईन व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीआरएसआई वर्धा चेप्टर के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार राय ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद वर्धा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजेश भगत उपस्थित थे। पीआरएसआई में इस वर्ष का जनसंपर्क दिवस ‘विश्वास का बढ़ाए हाथ : एक नये युग की स्थापना जनसंपर्क के साथ’ इस मुख्य विषय पर मनाया।
कार्यक्रम में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकार विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत जनसंपर्क कर्मी, जनसंचार तथा पत्रकारिता में अध्ययनरत शोधार्थी एवं विद्यार्थी तथा वर्धा चॅप्टर पदाधिकरी एवं सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। डॉ. जोगदंड ने प्रभावी जनसंपर्क के लिए संवाद कौशल, आत्मविश्वास, परिश्रम और व्यक्ति को जोड़ने की कला इन पाँच सुत्रों की चर्चा करते हुए कहा कि बदलते परिवेष में जनसंपर्क ही एक ऐसा माध्यम है जो नये युग की स्थापना में कारगर भूमिका निभा सकता है। उन्होंने अपने लंबे समय के जनसंपर्क से जुड़े अनुभवों को साझा किया। विदित है कि उनका 25 विषयों में डिग्री प्राप्त करने पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज है तथा उनपर ‘द किंग ऑफ ह्युमन नेटवर्किंग’ पुस्तक प्रकाशित है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि विश्वास ही जनसंपर्क का मजबूत धागा है। यह एक अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। उन्होंने कार्पोटेट जनसंपर्क, जनसंपर्क प्रबंधन, मीडिया और डिप्लोमेटिक जनसंपर्क पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम की प्रस्तावना पीआरएसआई के कोषाध्यक्ष प्रफुल्ल दाते ने रखी। उन्होंने पीआरएसआई की ओर से पूर्व में आयोजित प्रवेश और रोजगार सम्मेलन, फोटोग्राफी स्पर्धा, पर्यावरण जागरूकता सम्मेलन आदि की जानकारी दी। अतिथियों का परिचय डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी ने कराया।
कार्यक्रम का संचालन पीआरएसआई के सचिव बी.एस. मिरगे ने किया तथा सदस्य डॉ. राजेश लेहकपुरे ने आभार माना। कार्यक्रम में डॉ. अख्तर आलम, डॉ. रेणु सिंह, डॉ. संदीप वर्मा, सचिन रायलवार, अनुपम राय, डॉ. भास्कर भोसले, डॉ. विद्या कलसाइत, आनंद भारती, विनेश काकडे, संदीप घनोकार, नंदकिशोर वानखडे, डॉ. रूपाली अलोने, डॉ. चेतन भट्ट, कल्याणी मसादे, शृतिकीर्ति पटेल, सुधीर कुमार, अमिता शिंदे, अदिती भंडारी, गायत्री उपाध्याय, लाल सिंह, मनोहर लाल, नेहा जीवतोडे, रजत बत्रा, रेणु सोनकर, शालु कुमारी, प्रिया कुमारी, परमीणा, किशोर मानकर, पल्लवी सावरकर, अहमद अजीम, आकांक्षा भोयर, सुरजित कुमार आदि ने सहभागिता की।