जिले में साढ़े पांच हजार हेक्टर से अधिक क्षेत्र में उतेरा पद्वति से ली जायेगी दलहन फसल

बिलासपुर. रबी के मौसम में दलहन एवं तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए उतेरा फसलों को प्रोत्साहित किया जायेगा। जिसके तहत जिले मे 5 हजार 670 हेक्टर क्षेत्र मे उतेरा पद्वति से दलहन की बोआई का लक्ष्य रखा गया है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार उतेरा फसलों को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष अभियान चलाया जायेगा। वर्तमान मे धान की फसल पकने की अवस्था में है। इसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा दलहन, तिलहन मे उतेरा पद्वति को प्रोत्साहित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये गये है। इस पद्वति के लिए गौठान ग्रामो को केन्द्रित कर विकासखण्ड स्तर पर वर्षा आधारित धान फसल क्षेत्र में कलस्टर चयन किया जायेगा। उतेरा फसलों के लिए विशेष रूप से कम अवधि व सूखा सहनशील किस्मों का चयन किया जायेगा। बोआई के लिए सहकारी समिति एवं निजि क्षेत्र के माध्यम से बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि रज्य में पारम्परिक रूप से वर्षा आधारित क्षेत्र मे धान फसल की कटाई उपरान्त भूमि की अवशेष नमी के उपयोग हेतु कटाई के 20-25 दिन पूर्व धान की खड़ी फसल मे दलहन, तिलहन फसलों के बीज को छिड़काव विधि से बोआई कर उतेरा फसलें ली जाती है। खुले मे चराई के कारण कुछ वर्षो से उतेरा फसल के क्षेत्र मे कमी देखी गई है। राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव के योजना के माध्यम से खुली चराई को रोकने के लिए गौठान स्थापित कर रोका-छेका कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसको रबि मौसम के अंत तक विस्तारित किया जायेगा। इससे उतेरा पद्वति से दलहन एवं तिलहन फसल की बोआई को प्रोत्साहन मिलेगा और मुख्यमंत्री के मंशानुरूप इन फसलो का क्षेत्र विस्तार किया जा सकेगा।

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