QUAD देशों की नौसेनाओं के बीच युद्धाभ्यास का आज दूसरा दिन, बौखलाए चीन ने कही ये बात
कोलकाता. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने बंगाल की खाड़ी में 24वां मालाबार युद्धाभ्यास (Annual Malabar exercises) शुरू कर दिया है और आज अभ्यास का दूसरा दिन है. पहले दिन भारत समेत चारों देशों की नौसेनाओं ने अपनी ताकत और कौशल का प्रदर्शन किया. QUAD देशों के बीच युद्धाभ्यास शुरू होने के बाद चीन बौखला गया है और चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने कहा कि इस तरह के गठजोड़ से भारत ‘शतरंज की मोहरें’ बनकर रह जाएगा.
ऑस्ट्रेलियाई नौसेना पहली बार हुई शामिल
भारतीय नौसेना ने दुनिया के चार बड़े देशों की नौसेनाओं के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में मंगलवार को मालाबार युद्धभ्यास की शुरुआत की. ऑस्ट्रेलिया पहली बार इस युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है. बता दें कि मालाबार युद्धाभ्यास इस साल दो चरणों में हो रहा है. जिसका पहला चरण विशाखापत्तनम के नजदीक बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ है, जो 6 नवंबर तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 17-20 नवंबर के बीच अरब सागर में होगा.
युद्धाभ्यास से बौखलाया चीन
चीन हमेशा से क्वाड देशों की नौसैनिकों की एकजुटता को अपनी गंभीर चुनौती मानता रहा है और एक बार फिर मालाबार युद्धाभ्यास को लेकर भारत पर निशाना साधा है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड संगठन (QUAD) बनाया है और इसका मकसद चीन के खिलाफ सैन्य गठजोड़ है.’ ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, ‘भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ अमेरिका से मदद लेना चाहता है, लेकिन इस तरह के गठजोड़ से भारत ‘शतरंज की मोहरें’ बनकर रह जाएगा.’
भारतीय नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत
मालाबार नौसैनिक अभ्यास के पहले दिन भारतीय नौसेना ने रणविजय, शिवालिक, शक्ति और सुकन्या जहाज के अलावा सबमरीन सिंधुराज की ताकत समुद्र में दिखाई. इसके अलावा अमेरिका के जॉन एस मैक्कैन मिसाइल डेस्ट्रॉयर, ऑस्ट्रेलिया के एचएएमएस बालारत और जापान के शिप जेएस ओनैमी ने समुद्र में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया. चारों देशों की नौसेनाओं ने समुद्र में एंटी सबमरीन वारफेयर ऑपरेशंस, क्रॉस डेक लैंडिंग और अनेक तरह के संयुक्त युद्धाभ्यास किया.
1992 में हुई थी मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत
मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी. यह मालाबार युद्धाभ्यास का 24वां संस्करण है. जापान साल 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना था. ऑस्ट्रेलिया पिछले कई सालों से इस युद्धाभ्यास में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहा था. चीन के प्रति बढ़ती नकरात्मक धारणाओं और उसके साथ रिश्ते कटु होने के बाद ऑस्ट्रेलिया इस बार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है.
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