रेल कॉरिडोर : किसान सभा से वार्ता के बाद शुरु हुआ विवादित जमीन पर सर्वे का काम
कोरबा. पुरैना नदी के पास निर्माणाधीन गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर स्थल पर भूमि अधिग्रहण और पेड़ों का मुआवजा न मिलने के बारे में छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों की आपत्ति और निर्माण स्थल पर धरने के बाद विवादित जमीन पर सर्वे का काम आज शुरू हो गया। यह सर्वे किसान सभा नेताओं के साथ जिला प्रशासन की मध्यस्थता में रेल अधिकारियों के साथ वार्ता में बनी सहमति के आधार पर यह सर्वे हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। किसान सभा और ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कई किसानों को अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा नहीं मिला है और वे निर्माण स्थल पर ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे, जिससे निर्माण कार्य रूक गया है।
इसके बाद जिला प्रशासन की मध्यस्थता में किसान सभा नेताओं के साथ हुई वार्ता में यह सहमति बनी कि जिन किसानों को पेड़ और जमीन का मुआवजा नहीं मिला है, उनकी जमीन का सर्वे शुरू कर मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, अधिग्रहित जमीन पर बने मठ और देवस्थलों का ग्रामीणों के रीति-रिवाज के अनुसार पुनर्व्यवस्थित किया जाएगा तथा अधिग्रहित जमीन के बाद किसानों की बची आंशिक जमीन पर यदि लाभदायक खेती संभव नहीं है, तो रेल प्रशासन द्वारा उसे भी अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाएगा।
रेल अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद कि विवादित भूमि पर समस्या के निराकरण तक कॉरिडोर का काम स्थगित रखा जाएगा, धरना खत्म कर दिया गया है। वार्ता में किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा सहित दीपक साहू, निरतु, जय कौशिक, दामोदर, कंवल सिंह, मोहपाल सिंह, शिवरतन सिंह कंवर, सम्मान सिंह, राय सिंह, सारण सिंह आदि किसान सभा नेता और ग्रामीण भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।