यात्रियों को अतिथि मानें रेल अधिकारी : मुर्मू

नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे न केवल देश की अर्थव्यवस्था की बल्कि इसकी एकता और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता की भी रीढ़ है। मुर्मू ने रेलवे के अधिकारियों से यात्रियों के साथ अतिथियों जैसा व्यवहार करने और सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए कहा। विभिन्न भारतीय रेलवे सेवाओं (2018-बैच) के 255 परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि रेलवे राष्ट्र की जीवन रेखा है। इन परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की।

मुर्मू ने कहा, ‘प्रतिदिन लाखों यात्री ट्रेनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। यह लाखों लोगों का नियोक्ता होने के अलावा लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं का वाहक भी है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि साथ ही, रेलवे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की बल्कि भारत की एकता और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता की भी रीढ़ है। उन्होंने परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहा, ‘यह आप जैसे युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि रेलवे पारिस्थितिकी तंत्र की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएं और प्रयास करें कि भारतीय रेलवे दुनिया में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करे।’ मुर्मू ने कहा कि ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोग यात्रा की यादें अपने साथ लेकर जाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि आप ग्राहकों, विशेषकर यात्रियों के साथ अपने अतिथि की तरह व्यवहार करें और उन्हें सर्वोत्तम सेवा और सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करें, जिसे वे संजो सकें। आपको वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।’ उन्होंने यात्रियों की हर तरह से सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। मुर्मू ने कहा, ‘उन्नत तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित ऐप्लीकेशन के साथ, रेल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कुशल और त्रुटिरहित प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।’ उन्होंने युवा अधिकारियों से लोगों के अनुकूल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली के लिए नए ऐप्लीकेशन और प्रणालियां तैयार करके देश की तकनीकी उन्नति में एक नया रास्ता तय करने में योगदान देने को कहा। मुर्मू ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा प्रतिदिन लाखों लोगों की जरूरतों और मांगों को पूरा किया जाता है और हर महीने लाखों टन माल का परिवहन किया जाता है, ऐसे में प्रौद्योगिकी का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग करना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय रेलवे ने नवोन्मेषी और यात्रियों के अनुकूल बनकर प्रशासनिक और तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्टता दिखाई है। रेलवे विद्युतीकरण, माल लदान, राजस्व में वृद्धि और स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के विकास जैसी इसकी पहल इस दिशा में उठाए गए कदम हैं।’

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