खाद, बीज, बोनी की समीक्षा, ज्यादा कीमत पर या नकली खाद बेचने वाले निजी दुकानों पर सख्ती से कार्यवाही के निर्देश
बिलासपुर. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने शासकीय दर से बहुत ज्यादा कीमत पर या नकली खाद बेचने वाले डीलरों एवं निजी दुकानों पर सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को यह निर्देश दिया। बैठक में बिलासपुर के संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग भी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि खाद की जरूरत अनुसार प्लानिंग करें। किस खाद की कहां पर जरूरत है उसकी पूर्ति के लिए व्यवस्था बनाएं।
प्रदेश के गौठानों की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि हर विकासखण्ड में एक-एक गौठान को कलेक्टर गोद लें और उसे आदर्श गौठान के रूप में विकसित करें। जिससे दूसरे गौठान भी प्रेरित होंगे। गौठानों में बनाए जा रहे मल्टीएक्टिविटी सेंटर में ओपन शेड बनाएं। जहां कई समूह एक साथ गतिविधियां संचालित कर सकें । स्व सहायता समूहों से खरीदे जा रहे वर्मी कम्पोस्ट का भुगतान समय पर करने का निर्देश दिया साथ ही सभी गौठानों में चारागाह विकास अनिवार्य रूप से करने कहा। गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. एस. भारती दासन ने कहा कि गौठानों में गोबर खरीदी कार्य सतत् रूप से जारी रहे।
एफसीआई में 30 सितम्बर 2021 तक चावल जमा किया जाना है। इस संबंध में निर्देशित किया गया कि इस माह के अंत तक शत् प्रतिशत डीओ जारी किया जाए। राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की गई विवादित एवं अविवादित नामांतरण बंटवारे के लंबित प्रकरणों का निराकरण करने कहा गया। राजस्व आय की प्राप्ति की जिलेवार समीक्षा की गई। बैठक में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। इस योजना के तहत् 1 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक ग्राम पंचायतों में आवेदन लिया जाना है। आवेदनों की जनपद स्तर पर डाटा एंट्री के पश्चात् पटवारी और आरआई के माध्यम से सत्यापन कराया जाएगा और पात्र, अपात्रों की सूची ग्राम सभा में रखी जाएगी। इस संबंध में संभागायुक्त को निर्देशित किया कि राजस्व अधिकारियों एवं सीईओ के साथ बैठक कर योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। बैठक में निर्देश दिया गया कि गिरदावरी कार्य में कड़ा नियंत्रण राजस्व अधिकारियों का होना चाहिए। गिरदावरी के समय वे स्वयं गांव, खेत तक जाएं और इसका निरीक्षण करें। बैठक में शासकीय नजूल भूमि आबंटन, जलाशयों में जलभराव की स्थिति और आवश्यकतानुसार पानी छोड़े जाने आदि के संबंध में भी निर्देश दिए गए। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी वीसी के माध्यम से शामिल हुए।