फादर्स डे पर सेव इंडियन फैमिली ने ऑनलाइन संगोष्ठी का किया आयोजन

बिलासपुर. सेव इंडियन फ़ैमिली बिलासपुर ने कोरोना की बंदिशों की वजह से 20 जून 2021 फादर्स डे के उपल्क्ष में वर्तमान समय में बढ़ते तलाक़ के मामलों के बीच अपने पिता के प्रेम एवम सानिध्य से वंचित बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।दुनिया भर में फादर्स डे बच्चों की परवरिश और पालन पोषण में पिताओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। भारत में फादर्स डे पिछले कई वर्षों से जून के तीसरे रविवार को पिता के प्रति प्यार और सम्मान अभिव्यक्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।आज के आधुनिक पिता सक्रीय रूप से अपने बच्चों की शारारिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास के सभी क्षेत्रों में शामिल रहते हुए एक सक्रीय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।वर्तमान समय में साल दर साल तलाक की दर भारत में आश्चर्य जनक रूप से बढ़ रही है। जिससे हर वर्ष बहुत से बच्चों के माता पिता आपसी मतभेद के चलते अलग हो चुके हैं, भारतीय समाज एवम कानूनों ने हमेशा बच्चों कि परवरिश में मां के योगदान को अधिक महत्व दिया है। इस लिय लगभग सभी मामलों में बच्चों की कस्टडी/ संरक्षण मां के पास ही रहता है।एकल अभिभावक के संरक्षण/कस्टडी में रह रहे बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बहुत सारे दुष्प्रभाव पड़ते हैं। ऐसे बच्चों में आत्महत्या, नशाखोरी, पढ़ाई बीच में छोड़ने एवम अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की दर सामान्य बच्चों की तुलना में कई गुना अधिक रहती है। गोष्ठी में वक्ताओं ने ऐसे बच्चों के सामान्य एवं स्वस्थ्य विकास के लिए *shared parenting* को एक मात्र विकल्प बताया।वर्तमान समय में कानून की नज़रों में पिता की भूमिका केवल वित्तीय और परिवार के संबंधित प्रमुख निर्णय लेने तक ही सीमित रखा गया है। हालांकि हाल के दिनों में भारतीय पिता अपने बच्चों की परवरिश में और अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।गोष्ठी में सेव इंडियन फ़ैमिली बिलासपुर के वक्ताओं ने संस्था का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य चाइल्ड राईट एवं shared parenting को प्रोत्साहित करना बताया है। वर्तमान में वैवाहिक मतभेद की अधिकता के चलते तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण 99% बच्चों की कस्टडी माताओं के पास रहती है और इसके चलते बच्चे पिता के प्रेम से पूर्णतः वंचित रहते हैं। जैसा की हम जानते हैं कि एक बच्चे के सम्पूर्ण विकास में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, अतः वैवाहिक मतभेद के प्रत्येक मामलों में shared parenting के द्वारा बच्चों को मां- बाप दोनों का प्यार सदैव प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिससे वैवाहिक मतभेद के बावजूद बच्चों का सही विकास और पालन – पोषण हो सके। सेव इंडियन फैमिली, पति परिवार की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर 8882494498 संचालित कर रही है। लॉक डाउन कल में वैवाहिक विवादों के चलते अपने बच्चों से अलग हो गए पिताओं के द्वारा मदद के लिए किए गए कॉलों में बेतहशा वृद्धि हो गई है। यही नहीं पुरुषों द्वारा अपने ऊपर हो रहे मानसिक एवम शारीरिक घरेलू हिंसा की पीड़ा भी बताई गई।सेव इंडियन फ़ैमिली बिलासपुर के द्वारा आयोजित ऑनलाइन गोष्ठी में मुख्य वक्ता नरेंद्र शर्मा (रिटायर्ड डीएसपी पुलिस ), कमल कश्यप और एडवोकेट सतीश अग्रवाल थे ।एवम सेव इंडियन फैमिली की तरफ से विकास परिहार, मनीष शर्मा, मोइन खान, प्रदीप चंद्रा, संजय तिवारी एवम अब्दुल सत्तार ने अपने विचार प्रस्तुत किए।सेव इंडियन फ़ैमिली बिलासपुर भारत वर्ष में पुरुष आयोग की स्थापना की मांग पुरजोर रूप से करता आ रहा है।