“प्रशासन और आंतरिक सुरक्षा” विषय पर शहीद नंदकुमार पटेल शोध पीठ द्वारा तृतीय व्याख्यान माला सम्पन्न
बिलासपुर . 25 मई दोपहर तीन बजे अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर के कोनी स्थित नवीन परिसर के चतुर्थ तल पर स्थित सभागार में शहीद नंदकुमार पटेल लोक प्रशासन एवं अपराध अध्ययन शोध पीठ अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर के द्वारा तृतीय व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान माला का विषय “प्रशासन और आंतरिक सुरक्षा” था। इस व्याख्यान माला का मुख्य अतिथि और वक्ता राजेश मिश्रा (आईपीएस) संचालक राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर छत्तीसगढ़ थे। विशिष्ट अतिथि डॉ विवेक बाजपेई निर्देशक शहीद नंदकुमार पटेल शोध पीठ तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई ने किया। सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती और शहीद नंदकुमार पटेल के छायाचित्र पर माल्यार्पण और कुलगीत गायन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन गौरव साहू ने किया। स्वागत भाषण देते हुए इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ सौमित्र तिवारी ने व्याख्यान माला की रूपरेखा रखते हुए पूर्व के व्याख्यान की जानकारी और इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा एच एस होता ने अपने उद्बोधन में शहीद नंदकुमार पटेल के जीवन वृत्तांत का वर्णन करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को अविस्मरणीय कहा। विशिष्ट अतिथि डॉ विवेक बाजपेई निर्देशक शहीद नंदकुमार पटेल शोध पीठ ने अपने उद्बोधन में झीरम घाटी कांड का आंखों देखा हाल का वर्णन किया और भावुक भी हुएं। उन्होंने झीरम घाटी कांड को नक्सलियों द्वारा भारतीय लोकतंत्र के ढांचे को तोड़ने का प्रयास क़रार दिया। मुख्य अतिथि राजेश मिश्रा (आईपीएस) संचालक, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहीद नंदकुमार पटेल का नेतृत्व और ज्ञान अद्भुत था। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गठित संस्थाओं के कार्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों के हालात और छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद पर अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां मजबूत और सक्षम हैं । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस शोध पीठ के माध्यम से जन मानस में आंतरिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाना है । उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करने की आवश्यकता है। । अंत में धन्यवाद् ज्ञापन कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे ने किया।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपकुलसचिव नेहा राठिया, परीक्षा नियंत्रक डॉ तरूण धर दिवान, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, रासेयो डॉ मनोज सिन्हा, सहायक कुलसचिव रामेश्वर राठौर, फखरूद्दीन कुरेशी, डॉ लतिका भाटिया, डॉ रेवा कुलश्रेष्ठ, डॉ हैरी जार्ज, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ पूजा पांडेय, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ एस एल निराला, डॉ के के भंडारी, डॉ जितेन्द्र गुप्ता, डॉ धर्मेंद्र कश्यप, डॉ रश्मि गुप्ता मनीष सक्सेना, संतोष तिवारी, विकास शर्मा , रामप्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में विश्व विद्यालय के अधिकारी, प्राध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थी गण उपस्थित थे।