शैलेश पांडे ने महिला बाल विकास मंत्री से पूछा कि बिलासपुर जिले में विभाग को कितनी महिलाओं की शिकायतें प्राप्त हुईं


बिलासपुर. शुक्रवार को प्रदेश विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान बिलासपुर शहर के विधायक शैलेश पांडे द्वारा विभिन्न प्रकार से परेशान पीड़ित और प्रताड़ित महिलाओं को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री से सवाल पूछे गए। श्री पांडे के पूछे गए सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने सदन को बताया कि 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2020 तक कुल 610 महिलाओं की ओर से महिला एवं बाल विकास विभाग को विभिन्न समस्याओं, शिकायतों एवं प्रताड़ना का आदि को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई।

महिला बाल विकास मंत्री ने सदन को बताया कि इनका निराकरण करने के लिए इन तमाम शिकायतों को उनके स्वरूप के अनुसार पुलिस सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवा, आश्रय सुविधा, तथा घरेलू हिंसा की रिपोर्ट तैयार करने में सहायता और सुविधा प्रदान की गई। वहीं श्री पांडे के द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्री से पूछा गया कि.. क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री यह बताएंगे कि बिलासपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु क्या-क्या उपाय किए जाते हैं..?

इस सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि बिलासपुर जिले में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे आश्रय और सुविधा देने के लिए “सखी वन स्टॉप सेंटर”, इसी तरह घरेलू हिंसा में महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2000 पांच के तहत “नया बिहान योजना” के अंतर्गत महिला संरक्षण अधिकारी की नियुक्ति की गई है। विभागीय मंत्री ने सदन को आगे जानकारी दी कि, इनके अलावा संकटग्रस्त निराश्रित महिलाओं के आश्रय और पुनर्वास के लिए “स्वाधार गृह” और मानव तस्करी तथा यौन व्यापार से महिलाओं को सुरक्षा एवं संरक्षण देने के लिए “उज्जवला गृह योजना” भी बिलासपुर में संचालित है।

उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को उनके हित में बनी शासकीय योजनाओं तथा नियमों और कानूनों की जानकारी देने के लिए जिले में महिला जागृति शिविर लगाए जाते हैं। इसी तरह महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2015 के तहत एक शिकायत समिति का गठन भी जिले में किया जा चुका है।

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