घर-घर पहुंचकर गड़रिए बांट रहे खुशियां

 

बिलासपुर। शहर के चर्चों में क्रिसमस गेदरिंग का सामूहिक आयोजन चल रहा है। विश्वासी क्रिसमस के उत्साह में डूबे हुए हैं। लोग अपने-अपने अंदाज में प्रभु यीशु के आगमन की खुशियां मना रहे हैं। युवाओं की टोलियां गड़रिए के रूप में लोगों के घर-घर पहुंच कर क्रिसमस की बधाईयां दे रहे हैं।
क्रिसमस को अब एक सप्ताह शेष रह गए हैं। ईसाई समाज जोर-शोर से पर्व की तैयारी में जुटा है। एक ओर चर्चेंस में विशेष आराधना के साथ सांस्कृतिक व आध्यात्मिक आयोजन हो रहे हैं तो दूसरी ओर बच्चे और युवा गड़रिए बनकर कैरोल सिंगिंग के माध्यम से प्रभु यीशु के आने का संदेश घर-घर पहुंचा रहे हैं। गिरजाघरों से जुड़े युवा सदस्यों ने गड़रिए की भूमिका निभाते हुए वाद्य यंत्रों की धुन पर कैरोल सांग (भक्ति गीत) गाते हुए विश्वासियों के घर-घर जाकर उन्हें यीशु के आने का शुभ समाचार दिया।
पास्टर वीआर भोसले ने बताया कि बाइबिल के अनुसार प्रभु यीशु के यरूशलम के बैथलहम में अवतरण लेने से पहले स्वर्ग दूत गड़रियों को उनके आगमन का संदेश देते हैं। वे बताते हैं कि पृथ्वी पर जगत उद्धारकर्ता जन्मा है, जो चरनी में पड़ा, कपड़ों से लिपटा नन्हें बालक के रूप में है। इसी समय आसमान में पूर्व दिशा में एक तारा भी दिखाई देता है। ज्योतिषी यह समझ जाते हैं कि किसी महान व्यक्ति ने जन्म लिया है। उसका अनुशरण करते गड़रिए व ज्योतिष भी चल पड़ते हैं। वह तारा बैथलहम के एक गौशाले के पास जाकर रुक जाता है। अंदर जाकर सब देखते हैं तो पता चलता है कि सचमुच चरनी पर एक बालक कपड़ों में लिपटा हुआ है। यह देख सब खुशियों में झूमने-नाचने लगते हैं। उस पल की याद में आज भी क्रिसमस से पहले इस परंपरा का निर्वहन कर खुशियां बांटी जाती हैं।

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