शिवसेना का यू-टर्न : बागियों की वापसी को लेकर आदित्य ठाकरे ने दिया ये बयान
बगावत करने वाले नेताओं को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना नरमी के मूड में दिख रही है. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर वे लौटना चाहते हैं तो पार्टी छोड़ने वाले ‘दगाबाजों ‘ का स्वागत किया जाएगा. एकनाथ शिंदे के गृह जिले ठाणे के भिवंडी शहर में एक जनसभा में पूर्व मंत्री ने कहा, ‘दगाबाज अगर शिवसेना में लौटना चाहते हैं, तो उनका स्वागत होगा. लेकिन हमें उनके काम से बहुत दुख पहुंचा है. हमने उन पर भरोसा किया, उन्हें गले लगाया और उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोंपा.’ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने उन पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंचने के लिए ‘निष्ठा यात्रा’ शुरू की है जो अब भी उद्धव ठाकरे खेमे के साथ हैं.
‘हमने अपने विधायकों-सांसदों की जासूसी नहीं की’
उन्होंने भाजपा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके पिता की अगुआई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार ने कभी अपने ही विधायकों, सांसदों और अन्य नेताओं की जासूसी नहीं की. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अस्वस्थ थे. वह ठीक हो रहे थे, तभी उन्हें धोखा दिया गया.’ आदित्य ने कहा, ‘मेरे पिता खराब स्वास्थ्य के कारण घर से ही काम कर रहे थे, जबकि शिवसेना के अन्य मंत्री अपने दफ्तर जाते थे. लेकिन जब उद्धव ठाकरे दफ्तर जाने लगे तो उन्होंने महसूस किया कि मंत्री उनकी मौजूदगी के कारण असहज हो रहे हैं. उनका बर्ताव उद्धव ठाकरे के प्रति बदल गया है.’
आदित्य ठाकरे ने नासिक के सांसद हेमंत गोडसे पर बागी विधायकों का समर्थन करने का आरोप लगाया. ठाकरे ने कहा, हमने गोडसे के लिए पिछले आम चुनावों में बढ़-चढ़कर कैंपेन किया और जीत के लिए लगभग हर तरह की मदद मुहैया कराई. लेकिन फिर भी उन्होंने बिना किसी कारण हमें धोखा दे दिया.
शिंदे बोले-जो उन्हें बोलना है, बोलने दें
आदित्य के तंज के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘उन्हें जो कुछ भी बोलना है, उन्हें बोलने दें. हम अपने काम से उनकी आलोचना का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों ने हमारे राजनीतिक रुख की पुष्टि की है क्योंकि हम अधिक से अधिक समर्थन हासिल कर रहे हैं.’