शासन और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर रेत से तेल निकालने के अवैध गोरखधंधे में लगे हैं कुछ खनिज अफसर

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बिलासपुर. बिलासपुर में रेत से तेल निकालने वालों और खनिज विभाग के अफसरों में हुआ गठबंधन अरपा नदी पर भारी पड़ते जा रहा है।प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल और शहर विधायक  शैलेश पांडे ने हालांकि बीड़ा उठा लिया है अरपा नदी में 12 माह सतत जल प्रवाह बनाए रखने का।। इस दिशा में काम भी तेजी से शुरु हो चुका है। रेत माफिया उससे भी ज्यादा तेजी से अरपा नदी मैं अवैध उत्खनन कर बिलासपुर जिला प्रशासन और खनिज विभाग की छाती पर मूंग दल रहा है। बिलासपुर से लगे सेंदरी कछार और लोफंदी गांव में रेत माफिया की दादागिरी सारी सीमाएं पार कर चुकी है। लोफंदी गांव में वहां की पंचायत ने रेत निकालने से साफ इनकार कर दिया है। गांव के लोगों ने इस बाबत बैठक कर निर्णय भी ले लिया है कि लोफंदी ।की ग्राम पंचायत रेत के गोरखधंधे से दूर रहेगी। इसकी जानकारी रेत के सौदागरों को देने के बावजूद लोफंदी में अरपा नदी से किया जा रहा रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं हुआ है। उल्टे जब वहां के सरपंच रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करने वालों को रोकने के लिए नदी तट पर पहुंचते हैं तो उन्हें धमकियां दी जाती है और पंचों समेत पहुंचे सरपंच के साथ अभद्र व्यवहार कर दादागिरी से रेत की खुदाई चल रही है। खनिज विभाग बीच-बीच में एक अदृश्य समझौते के तहत रेत के सौदागरों की गाड़ियों पर कार्यवाही करते हैं लेकिन यह कार्यवाही केवल दिखाने के लिए रहती है। मात्र एक दो गाड़ियां पकड़ी जाती हैं जबकि लोफंदी कछार और सेंदरी में रेत निकालने के काम में रोज 50 से भी अधिक हाईवा और 50 से ही अधिक ट्रैक्टर भी लगे हुए हैं।

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