कभी-कभी किसी की मौत पूरे परिवार को जीते जी मार देती है, ऐसे ही कुछ हुआ बिल्हा में, पढ़िए दुख भरी दास्ताँ
बिलासपुर. मौत शाश्वत सत्य है इससे नहीं बचा जा सकता लेकिन कभी कभी किसी की मौत पूरे परिवार को जीते जी मार देती हैl ऐसे ही कुछ हुआ बिल्हा जनपद क्षेत्र के छोटे से गांव निपनिया में एक मजदूर की मौत हो गईl गरीबी के अभिशाप से तो वह मुक्त हो गया, लेकिन उसके पीछे उसका विकलांग परिवार पूरी तरह अनाथ हो गयाlमृतक दुकालू राम के परिवार में पत्नी के अलावा 5 विकलांग बच्चे जो कि सभी दृष्टि बाधित है वही एक बेटी दृष्टि बाधित होने के साथ ही मुख बधीर भी है बड़े पुत्र का विवाह हो चुका है lअब परिवार में 7 सदस्य है किंतु कमाने वाला कोई नही, उनके निधन के पश्चात पूरा परिवार बेसहारा व असहाय हो गयाl जैसे इसकी सूचना शहर की सामाजिक संस्था विश्वाधारंम को हुई, उन्होंने तत्काल पीड़ित परिवार से मिलकर हर संभव मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाएं, परिजन से मिलने पर पता चला कि उनके पास दशगात्र करने हेतु राशन सामग्री नहीं है, उनके आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संस्था के द्वारा संपूर्ण राशन सामग्री की व्यवस्था की गई, पिता के जाने के पश्चात उनका एक पुत्र जो की दिल्ली में पढ़ाई करते है वह अब अधर में लटक चुका था संस्था ने उनके पूरे पढ़ाई का खर्च भी वहन करने का आश्वासन दियाlसंस्था के संस्थापक चंद्रकांत साहू ने बताया की इन सभी सहयोग से उनका जीवन सदैव चले ऐसा संभव नहीं है इसलिए परिवार की आजीविका के लिए स्वरोजगार, उनके सामर्थ्य के अनुरूप रोजगार की व्यवस्था एवम मृतक की बहु जो की शरारिक रूप से स्वस्थ्य है उन्हे सिलाई का प्रशिक्षण देकर सिलाई मशीन देने की बात कही, ताकि थोड़ा बहुत सिलाई कर परिवार के दो वक्त की रोटी की व्यवस्था कर सके, इस पूरे सेवा कार्य में संस्था के मार्गदर्शक सोनू विरानी, मनीष दुबे, गजेंद्र सिंह, चुन्नी मौर्य, सौम्य, जितेंद्र, रोशन, त्रिवेणी का सहयोग प्राप्त हुवा।