नयी दिल्ली. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र में देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नये खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत 9 मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। उन्होंने पत्र में कहा, ‘मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। मैं आशा करती हूं कि उपरोक्त विषयों पर चर्चा कराई जाएगी।’
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप (सोनिया गांधी) संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा विशेष सत्र बुलाया गया है। और शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है, और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है।’ जोशी ने कहा कि सोनिया ने जिन 9 मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की है, उन सभी के बारे में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया जा चुका है। उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष से सत्र में ‘पूर्ण सहयोग’ की अपेक्षा की।