Space Science के लिए दिलचस्प रहने वाला है ये साल, अगले महीने तीन देशों के अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा में करेंगे प्रवेश


नई दिल्ली. अंतरिक्ष विज्ञान के लिहाज से आने वाला महीना काफी दिलचस्प और व्यस्त रहने वाला है. क्योंकि एक, दो नहीं बल्कि तीन अंतरिक्ष यान मंगल (Mars) के करीब पहुंचेंगे. इसमें यूएई (UAE) का होप ऑर्बिटर, नासा (NASA) का रोवर और चीन (China) का तियानवेन -1 शामिल हैं. तीनों का उद्देश्य एक ही है यानी मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों का पता लगाना. अंतरिक्ष वैज्ञानिक इन तीनों अंतरिक्ष यानों की गतिविधियों पर नजर गड़ाए हुए हैं. इन सभी के फरवरी में मंगल की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.

अरब देशों की ‘Hope’
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के होप ऑर्बिटर के सबसे पहले मंगल (Mars) की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है. UAE के इस अभियान से काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि ये किसी भी अरब या मुस्लिम देश का पहला मंगल मिशन है. पिछले साल 20 जुलाई को होप को तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H2-A नामक रॉकेट के जरिए भेजा गया था और उसके 9 फरवरी तक मंगल की कक्षा में प्रवेश करने की संभावना है. यह तारीख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उस समय संयुक्त अरब अमीरात अपने गठन की 50वीं सालगिरह मनाएगा. मंगल पर पहुंचने के बाद ‘होप’ मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा. Hope मंगल ग्रह के निचले वातावरण को मापने के लिए एक स्पेक्ट्रोमीटर स्पेक्ट्रोमीटर से लैस है.

China का पहला कदम
UAE के बाद चीन का तियानवेन -1 मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा. इसके 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है. यह एक लॉन्ग मार्च फाइव रॉकेट है, जिसने पिछले साल हैनान के द्वीप से उड़ान भरी थी. चीनी भाषा में तियानवेन का मतलब होता है ‘स्वर्ग के सवाल’, यानी चीन के मिशन मंगल का उद्देश्य अंतरिक्ष के सवालों का जवाब खोजना है. ‘तियानवेन-1’ को मंगल ग्रह का चक्कर लगाने, वहां उतरने और वहां रोवर की चहलकदमी के उद्देश्य से प्रक्षेपित किया गया है. चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी के अनुसार, प्रोब वर्तमान में लगभग 23 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से उड़ रहा है, जो मूल रूप से प्रति दिन दो मिलियन किलोमीटर है. बता दें कि ये मंगल पर चीन का पहला मिशन है.

NASA का रोवर

तियानवेन -1 के बाद नासा का रोवर मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा. इसके 18 फरवरी को वहां पहुंचने की उम्मीद है. नासा के इस मिशन को जुलाई 2020 में केप कैनवेरल से लॉन्च किया गया था. मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर रोवर व्हीकल को उतारने के बाद Jezero Crater साइट को एक्सप्लोर करना है. ताकि जीवन के संकेतों का पता लगाया जा सके. NASA ने बताया कि लगभग 40 चट्टानों और तेल के नमूनों को एकत्र किया जाएगा और एक अन्य मिशन द्वारा उन्हें धरती पर वापस लाने के लिए तैयार ट्यूबों में रखा जाएगा.

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