भार‍तीयता का प्रकाश फैलाएं : कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में मकर संक्रांति पर एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत भारत उत्तरायण की ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम व सग्धि के अवसर पर प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व हर्ष, उल्‍लास और आल्‍हाद के आनंद का पर्व है। इस पर्व के निमित्त भारत उत्तरायण की ओर चल पड़ा हैं। हमें भारतीयता का प्रकाश चारों ओर फैलाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि हम भारत भूमि के केंद्र में हैं और यह भूमि देश की सेवा के ऐतिहासिक पथ पर चलने की प्रेरणा देती है।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित वर्धा के सांसद श्री रामदास तडस ने कहा कि भारत भाषा, रहन-सहन, खानपान, वेशभुषा में विभिन्‍नता होने के बावजूद भारत एकसंघ है। उन्‍होंने महाभारत के उदाहरणों को उधृत करते हुए गांधी के सत्‍य और अहिंसा की सीख को जनमानस तक पहुँचाने का आहवान किया। मुख्‍य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री जी. लक्ष्मण ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत पुण्‍य साधना की कर्म भूमि है। भारत को आगे ले जाने में विश्‍वविद्यालयों की महत्‍वपूर्ण भुमिका है। भारत की संस्कृति श्रेष्‍ठ है और इसकी मिट्टी के कण-कण में भारत बोध बसता है। अमृत वर्ष में हमें भारत को आगे ले जाने की दिशा तय करनी है। भारत वसुधैव कुटुंबकम् और समावेशी विचारधारा के कारण श्रेष्‍ठ है, विविधता ही हमारी ताकत है। हमें भारत की समृद्धि में अपना योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम का उद्घाटन रविवार, 15 जनवरी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन के प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल लिखित एवं सहायक प्रोफेसर डॉ. मीरा निचळे द्वारा मराठी में अनूदित पुस्तक ‘गौरवशाली संस्कृती’ तथा ‘जीवन स्वर साध्य करणारे शिक्षण’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने की। इस दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सूर्य वंदना, गणेश वंदना, संबलपुरी, राजस्‍थानी, बंगाली, कुचीपुडी, लावणी, भांगड़ा, कथ्‍थक आदि नृत्‍य की रंगारंग प्रस्तुतियाँ दीं। आवासीय लेखक निंदर धुगियाणवी ने पंजाबी एवं दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. के. बालराजु ने तेलुगु में काव्य गायन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप-दीपन, कुलगीत और भारत वंदना से किया गया।

कार्यक्रम में एक भारत श्रेष्‍ठ भारत की नोडल अधिकारी डॉ. प्रियंका मिश्रा ने प्रास्‍ताविक भाषण दिया। दर्शन एवं संस्‍कृति विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सूर्यप्रकाश पाण्‍डेय ने आभार ज्ञापित किया। संचालन शोधार्थी गौरव चौहान ने किया। सांस्‍कृतिक कार्यक्रम के उपरांत पारंपारिक लोहड़ी उत्‍सव मनाया गया। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव काद़र नव़ाज ख़ान, अधिष्‍ठातागण, विभागाध्‍यक्ष, अध्‍यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में उपस्थित रहे।

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!